आपको बिज़नेस में नैतिक रूप से कभी भी गलत नहीं होने चाहिए
मेरी बिज़नेस के मामले एक बड़ी ही रोचक अवधरणा है।
मेरा मानना है कि आप बिज़नेस में नैतिक रूप से कभी भी गलत नहीं होने चाहिए। कभी कभी हो सकता है कि कानूनन रूप से आप गलत हो। या आप कुछ ऐसा कर रहे हो जो नियमो से अलग हो पर आपको हर परिस्थिति में नैतिक रूप से सही होना जरूरी है।
यहाँ मेरा नैतिक रूप से कही मतलब हो सकते है। जैसेकि क्वालिटी से कभी समझौता न करना , किसी के साथ आर्थिक, भौतिक या मानसिक रूप से धोखा धड़ी न करना, सबको सही एडवाइस करना और जहाँ तक खुद का नुकसान न होता हो दुसरो की मद्द्त करने को तैयार रहना।
स्थान, समय और परिस्थितियों के हिसाब से नैतिकता की परिभाषा बदलती रहती है और उसके हिसाब से आप अपनी नैतिकता की परिभाषा को तय कर सकते है।
अगर आपको बिज़नेस में बिना किसी परेशानी के काम करना है तो आपको देश और समाज से जुड़े नियमो एवं कानूनों का पालन करना चाहिए। और बड़ा जरूरी भी है आपकी लम्बी अवधि के विकास के लिए।
मै यहाँ पर आपको किसी तरह कानून तोड़ने के लिए नहीं कह रहा हूँ। मै खुद कानूनों का पालन बड़ी सावधानी से करता हूँ और हर क़ानूनी करवाई के बाद ही कोई कदम लेता हूँ।
'कानूनन रूप से आप गलत हो' का मतलब यह मत निकाल लेना कि आप बिना लाइसेंस के ही काम करना शुरू कर दो। और कहो कि हम नैतिक रूप से सही है चाहे कानूनन रूप से गलत है। ड्रग अथॉरिटी कानून का हर नियम याद करा देगी।
मेरा यहाँ 'कानूनन रूप से आप गलत हो' का तात्पर्य यह है कि कानून देश, समाज और स्थान के अनुसार अलग अलग हो सकते है। जैसे हो सकता है कि अमेरिका में दवाइयों पर केवल जेनेरिक नाम ही होता है ब्रांड नाम लिखने की अनुमति नहीं होती, केवल पेटेंट प्रोडक्ट को छोड़ कर जबकि इंडिया में हर दवाई पर एक ब्रांड नाम होता है। ऐसा कोई कानून नहीं है कि इंडिया में ब्रांड नाम लिखना अनिवार्य है पर ऐसा भी कोई नियम नहीं है कि आप ब्रांड नाम नहीं लिख सकते। तो सभी कम्पनिया ब्रांड नाम के साथ प्रोडक्ट बेचती है चाहे वो जेनेरिक हो या ब्रांडेड।
इसी तरह मार्केटेड पता लिखने के बारे में भी कोई नियम नहीं है कि आपको अपने लाइसेंस वाला पता लिखना अनिवार्य है या नहीं या आप कोई भी पता लिख सकते हो। तो कानून में कुछ छिद्र होते है जिनका आप अपनी मार्केटिंग के लिए उपयोग कर सकते हो और उनका फायदा उठा सकते हो।
उदाहरण के तौर पर आपको ज्यादातर फार्मा कम्पनियो के पते बड़े शहरो के मिलेंगे जबकि उनका वहां पर कुछ भी नहीं होगा। वह कंपनी उसी शहर की होगी जहाँ वह काम कर रही है पर उसका मार्केटेड पता किसी बड़े शहर का होगा और वो अपने आप को उस शहर की कंपनी दिखाएगी। इससे उसका मार्केटिंग स्तर बढ़ जायेगा और वो अपने आप को बड़ी स्थापित कंपनी सिद्ध करने में सफल हो जाएगी और लोगो का कंपनी को देखने का नजरिया बदल जायेगा।
हो सकता है कि बड़े शहर का पता दिखाना या गलत मार्केटेड पता दिखाना गलत हो पर फिर भी आप नैतिक रूप से गलत नहीं हो क्यूंकि आपको, मुझे और सब को पता है कि उसी शहर का प्रोडक्ट वहां नहीं बिकता तो आप केवल अपने आप को बड़ी कंपनी दिखा कर सेल करनी की कोशिश कर रहे न कि ख़राब क्वालिटी बेचने की। अगर आप ख़राब क्वालिटी बेचते हो तो आप नैतिक रूप से भी गलत हो। पर अगर आप अच्छी क्वालिटी बेच रहे हो और केवल मार्केटिंग तकनीक का उपयोग करके अपने आप को स्थापित कंपनी सिद्ध कर रहे हो तो इसमें गलत नहीं है।
मैंने पाया है कि कानूनन रूप से गलत होने पर हो सकता है आप तररकी कर जाओ पर अगर आप नैतिक तौर पर गलत हो तो आपको क्षण भर के लिए लग सकता है कि अपने लाभ कमा लिया पर लम्बी अवधि में आपको बहुत बड़े नुकसान से गुजरना पड़ सकता है।
तो जहाँ तक हो सके अपनी नैतिकता और ईमानदारी हमेशा बनाये रखे।
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