क्या कारण हैं जिनकी वजह से हम कुछ नया नहीं सीखना चाहते हैं ?
सीखना किसी भी चीज के लिए आपकी ग्रोथ के लिए बड़ा जरूरी है बिजनेस में तो बहुत इंपोर्टेंट पार्ट रखता है आपके जॉब में भी बहुत इंपोर्टेंट पार्ट रखता है तो एक चीज़ एक दिन में ऐसे ही सोच रहा था कि अगर सीखना इतना ज्यादा इंपोर्टेंट है और हमारे लिए इतना ज्यादा जरूरी है तो फिर हम क्यों सीखना नहीं चाहते।
क्या कारण हैं जिनकी वजह से हम कुछ नया नहीं सीखना चाहते हैं या नहीं सीख पाते।
हाय गाइस मै हूँ अजय कम्बोज और आज बात करूंगा पांच ऐसी चीजों के बारे में जिनकी वजह से हम कुछ नया कभी नहीं सीख पाते या नया सीखने की कोशिश कभी नहीं करते हैं
किसी से पूछने में हमे शर्म महसूस होती है
सबसे पहला जो है वह है we feel एंबेरेसमेंट इन आस्किंग।
असल में जब हमें कोई चीज पता नहीं होती और जब हम किसी दूसरे से पूछते हैं तो हम थोड़ी सी शर्म वहां पर महसूस करते हैं।
हमे थोड़ी एंबेरेसमेंट होती है, हमें लगता है कि अगर हम उनसे पूछेंगे तो हम छोटे हो जाएंगे।
जब हम पढ़ते हैं, कॉलेज टाइम में पढ़ते हैं, स्कूल में पढ़ते हैं तो टीचर हमेशा एक बात कहते थे कि अगर आप प्रश्न नहीं पूछ रहे हैं तो उसके दो कारण है या तो आपको सब कुछ पता है या आप को कुछ नहीं पता तो वहीं कारण यहां पर भी होता है।
हमें अगर किसी पर्सन से पूछने की जरुरत है तो हमें थोड़ा सा हिचकिचाहट होती हैं, वहां पर थोड़ा एंबेरेसमेंट फील होती है कि अगर हम उनसे पूछेंगे तो उसने नहीं बताया या उसने बताया तो हमें थोड़ा सा डाउन वार्ड फील होगा।
तो इसी एंबेरेसमेंट की वजह से बहुत सारी चीजें ऐसी होती है कि हम दुसरो से कुछ नहीं पूछ पाते और हो सकता है कि हमारा एक प्रश्न अगर हम किसी से पूछे तो वह हमारी लाइफ चेंज कर सकता है। अगर हमे उसका आंसर पता लग जाए।
और मैंने एक चीज बहुत नोट करी है कि जब आप किसी से पूछते हो तो बहुत कम व्यक्ति ऐसे हैं जो आपको वहां पर जवाब देंगे, बहुत ही ज्यादा कम है, सभी लोग अगर उसको चीज के बारे में पता है वह आपको जरूर बताएंगे, आपको गाइड जरूर करेंगे। वहां पर नहीं भी गाइड करेंगे तो अपना एक्सपीरियंस तो जरूर शेयर करेंगे।उस चीज से रिलेटिड अगर उनके साथ हुआ है।
तो आपको कभी भी पूछने में कभी भी शर्म महसूस नहीं होने चाहिए, एंबेरेसमेंट महसूस नहीं होनी चाहिए आपको हमेशा ही आपको पूछने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हमे इंसल्ट महसूस होती है जब कोई हमे सही करता है
दूसरा जो कारण है वह है वी फील इंसल्ट व्हेन समवन करेक्ट।
ऐसा सबके साथ ही होता है, हमारे साथ भी होता है अगर हम किसी काम को कर रहे हैं गलत कर रहे हैं या सही भी कर रहे हैं लेकिन उससे बैटर में अगर हो सकता है।
और कोई हमें वहां पर करेक्ट करें तो हमें थोड़ी सी इंसल्ट महसूस होती है, हमे वहां पर बेइज्जती महसूस होती है।
हमें लगता है यार यह तो मतलब, अगर आप ना भी कहे तो भी हमें ये महसूस होता है कि सामने वाले व्यक्ति ने हमें इन्फीरियर फील कराई है।
हमे थोड़ा सा छोटा फील कराया वहां पर, तो जो वो इंसल्ट होती है वह हम फील नहीं करना चाहते और इस वजह से जो सामने वाला व्यक्ति जो हमे suggestion दे रहा है, हो सकता है वो बहुत बेटर suggestion हो। हमारा बहुत टाइम वो बचा सकता है अगर हम उसको अपने काम में इम्प्लीमेंट करें।
लेकिन उस इंसल्ट की वजह से, उस ईगो की वजह से, हम उसमें फॉरवर्ड नहीं कर पाते और हम उनको इग्नोर कर सकते हैं, यार रहने दे ! मेरे को पता है इसको कैसे करना है या मैं कर लूंगा .
इसको तू रहने दे, मेरे को मत समझा यह चीज कैसे करनी है।
तो यह भी बहुत बड़ा कारण होता है क्यूंकि जब कोई हमें करेक्ट करता है तो हमें थोड़ा इंसल्ट फील होती है।
लेकिन वहां पर अगर हम अपने इमोशन को काबू में करें और सीखने की कोशिश करें कि असल में वो बता क्या रहा है तो हमारी लाइफ में बड़ा सुधार हो सकता है।
हमारी पर्सनैलिटी और ज्यादा डेवलप कर सकती है।
हममे सीखने की इच्छा ही नहीं होती
थर्ड नंबर पर बात करता हूं वह है डोंट have willingness टू लर्न।
हमारी इच्छा ही नहीं होती कुछ सीखने की, हमें लगता है कि जो चल रहा है ठीक है।
जैसे लाइफ चल रही है ठीक है, मेरे पास टाइम नहीं है, मैं बहुत बिजी हूं, मैं सारा दिन काम करके थक जाता हूं तो बहुत सारे बहाने होते हैं।
और हम इच्छा ही छोड़ देते हैं कुछ नया सीखने कि और जब हमारे पास किसी नई चीज को सीखने की इच्छा ही नहीं होगी तो हम उसको कभी कर भी नहीं पाएंगे।
क्यूंकि सीखना थोड़ा सा uncomfortable होता है हमेशा ही, क्यूंकि ऐसा नहीं है आपने किसी चीज के बारे में पहले पढ़ा, पहला आर्टिकल पढ़ा या पहला वीडियो देखा या आप उसको सुनते ही सीख जाओगे या उसको पढ़ते ही आप सीख जाओगे।
तो ऐसा पॉसिबल नहीं है जब उसको पहली बार सुनोगे तो आपको समझ में ही नहीं आएगा फिर आप उसको दो तीन बार पढ़ोगे। फिर एक्चुअल में आपके अंदर question अराइज होयँगे।
तो एक टाइम चाहिए आपको, कुछ घंटे आपको चाहिए, पांच घंटे, 10 घंटे, 15 घंटे, जो भी चीज है उसके हिसाब से आपको चाहिए।
तो वह कष्ट हम नहीं लेना चाहते हैं, वह इच्छा हमारी मर चुकी है, हमें लगता है कि सीखने से कुछ नहीं होगा।
तो हम चाहते ही नहीं है कुछ सीखे, तो इस वजह से भी हम कभी कुछ नहीं सीख पाते।
हमे सब पता है
फोर्थ नंबर पर बात करता हूं वह है we थिंग विद know एवरीथिंग।
जो मैंने अभी आपको मैंने क्लास वाली बात कही थी कि टीचर कहता है कि अगर आप question नहीं पूछ रहे हो या तो आपको सबकुछ नॉलेज है, आप समझ गए हो या कुछ भी नहीं समझे हो, आपको कुछ भी नहीं पता।
तो हमें बिजनेस में या जॉब मैं हमेशा यही लगता है कि यार हमें सब कुछ पता है मार्किट कैसे काम करती है। कैसे प्रोडक्ट बेचा जाता है। कैसे मार्केटिंग की जाती है। कैसे कंपनी लगाई जाती है। कैसे प्रोडक्ट लांच किए जाते हैं।
हमें बहुत टाइम हो गया, हमारी दाढ़ी इसी वजह से सफ़ेद हो चुकी है, थोड़े थोड़े बाल है मेरी दाढ़ी में भी सफ़ेद क्यूंकि मेरे को भी काफी एक्सपीरियंस हो गया लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरे को सब कुछ पता है मैं हमेशा अब भी बहुत कुछ सीखने की कोशिश करता रहता हूँ।
तो हमें लगता है कि हमें सब कुछ पता है और इसी वजह से जब आपको सब कुछ पता है। कोई बर्तन अगर ऊपर तक भरा हुआ है तो आप उसमें कुछ नहीं डाल सकते है।
आपको कुछ नया सीखने के लिए आपको उसको खाली करना पड़ेगा। पहले आपको अपनी ईगो को और जो कुछ आप जानते हो उसको साइड में रखना पड़ेगा, उसके बाद ही आप सीख सकते हो।
और हम को लगता है कि हम सब कुछ जानते हैं। हमारा जो घड़ा है वो पूरी तरह भरा हुआ है, पाप का घड़ा नहीं नॉलेज का घड़ा पूरी तरह भरा हुआ है और उसकी वजह से हम कुछ नया सीखना ही नहीं चाहते क्योंकि जब हमें लगेगा कि हमें सब कुछ पता है तो हम कभी सीखने की कोशिश ही नहीं करेंगे।
हमे कुछ सीखने की जरूरत नहीं है
जो फ़िफ़्ट नंबर पर बात करता हूं वह है वी डोंट नीड टो लर्न एनीथिंग।
हमें लगता है अपनी लाइफ में, मोस्टली पर्सन को यह लगता है कि अब हमें कुछ नया सीखने की जरूरत नहीं है।
हमने एजुकेशन ले ली है, हम पढ़ लिए हैं और वह बहुत था हमारे लिए और हम क्या अब सारी उम्र ही पढ़ते रहेंगे, सारी उम्र ही सीखते रहेंगे।
अब हमारे कमाने की उम्र है, हमारी कुछ करने की उम्र है, इंजॉय करने की उम्र है, यह बहुत सारी चीजें, बहुत सारे बहाने हम यहां पर दे सकते हैं, तरह-तरह के।
हर बन्दे के पास अपने अपने अलग बहाने होते हैं तो बहुत सारी चीज होती है जिनकी वजह से हमें लगता है कि अब हमें सीखने की जरूरत नहीं है, हमने एजुकेशन ले ली है ,हमने जॉब में एक्सपीरियंस ले लिया है।
अब हमे इससे ज्यादा सीखने की जरूरत नहीं है, अब हम मार्किट में आएंगे या मार्किट में है तो हम जैसे कर रहे हैं वैसे ही करेंगे।
अब हम कुछ नया करने की जरूरत नहीं है, कुछ नया सीखने की जरूरत नहीं है और जब किसी चीज की जरूरत नहीं होती हमें तो हम उसको कभी नहीं करते।
अगर हमें किसी की जरूरत नहीं है तो हम उसको कभी भी परचेस नहीं करेंगे तो जब हमें किसी नई चीज को सीखने की जरूरत नहीं है तो हम उसको कभी सीखेंगे भी नहीं।
तो यह भी एक बहुत ही इंपोर्टेंट कारण है जिसकी वजह से हम सीख ही नहीं पाते क्योंकि हमें लगता ही नहीं कि हम किसी चीज की जरूरत है
निष्कर्ष
तो और भी बहुत सारे बहाने हो सकते है सबके पास कुछ नया ना सीखने का, कुछ नया ना करने का तो अगर आपको लगता है कि कुछ ऐसी चीज है जो आप हमारे साथ शेयर करना चाहते हो जिसकी वजह से हम कुछ नया नहीं सीख पाते तो उसको कमेंट मे लिखकर जरूर बताइएगा।
उम्मीद करता हूं यह इनफार्मेशन आपको अच्छी लगी होगी।
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