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Showing posts from October, 2021

जिंदगी में रुकावटे भी जरूरी है

 जिंदगी में बहुत बार मैंने देखा है कि जब सब कुछ बिलकुल सही चल रहा होता है तो एक दम कुछ गलत हो जाता है। शुरू शुरू में मुझे इसकी आदत नहीं थी तो बड़ा दुःख होता था। कभी कभी तो ऐसा लगता था कि जैसे सबकुछ बिखर गया हो और अब कुछ नहीं रहा।  आराम आराम से सब चीज़ो की आदत पड़ने लगी। और अब तो ऐसा हो गया है कि अगर कोई काम बिना किसी रूकावट के हो रहा है तो यकीन ही नहीं होता।  किसी काम में रुकावट आ रही होती है तो लगता है कि अब ये काम सही से होगा। हमेशा मै सुनता हूँ कि इंटरप्रेन्योर सफर में आपको क्या मिलता है यह मायने नहीं रखता आप क्या बन जाते हो यह मायने रखता है।  एक आम आदमी के लिए किसी काम में कुछ रूकावट आना बहुत बड़ी चिंता का विषय हो सकता है पर एक इंटरप्रेन्योर के लिए किसी काम में रूकावट आना सामान्य चीज़ मानी जाती है जो हर काम में आती ही आती है।  एंट्रेप्रेन्योरशिप में आकर मैंने सीखा है कि लोग रूकावट से बचने के लिए बहुत जतन करते है पर रूकावट तो काम होने की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है।  अगर रूकावट ही नहीं आयी तो आप वो सब नहीं जान पाओगे जो रुकावटों के पार है। आप कभी आज से बेहतर इंसान नहीं बन पाओगे।  रुका

क्या आपको अपनी परिस्थितिया बदलनी है?

मुश्किल कब होती है।  मुश्किल तब नहीं होती जब आपके पास कुछ करने के संशाधन नहीं होते। मुश्किल तब होती है जब आप अपनी परिस्थितियां बदलने के लिए खुद को बदलना नहीं चाहते।  आपको लगता है कि अब समय है कि आपको अपनी परिस्थितिया बदलनी है। आप उसपर काम करना चाहते है। वह हो सकता है कि आप खुद का बिज़नेस शुरू करने जा रहे है , नयी जॉब ढूंढ़ने जा रहे है , नए रिलेशनशिप में जा रहे है या कुछ भी हो सकता है।  आप अपनी परिस्थितियां बदलने के लिए काम करने को तो तैयार है पर आप यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि परिस्थितियां बदलने से पहले आपको खुद को बदलना पड़ेगा।  आप जो आज हो उसके हिसाब से आप कल को नहीं बदल सकते। कल को बदलने के लिए आपको अपने आप को बदलना पड़ेगा। आपको अपने आप पर काम करना पड़ेगा।  अगर मुझे अपने वडियो को और अच्छा बनाना है तो मुझे यह सीखना पड़ेगा कि इसे मै और अच्छा कैसे कर सकता हूँ। यानि मुझे अपने ज्ञान को बढ़ाना होगा अगर मुझे अपनी वर्तमान स्थिति बदलनी है। खुद को बदलना होगा।  न कि वीडियो के फॉर्मेट बदल कर देखने से यह हो जायेगा। (असल में मै ऐसा करके देख चूका हूँ ) कोई फर्क पड़ेगा भी क्यों ? क्यूंकि जब तक मै खुद न

कब मै सबसे शक्तिशाली होता हूँ ?

 मुझे हमेशा अहसास होता है कि जब मै अपना नेचुरल नहीं दे पा रहा होता हूँ तब मै सबसे कमजोर होता हूँ।  जब मै किसी और की तरह बनना या दिखना चाहता हूँ तो मै सबसे कमजोर होता हूँ।  पर जब मै मै होता हूँ तो मै सबसे शक्तिशाली होता हूँ। और मै अपने में खुद को ढूंढ़ने की कोशिश करता हूँ।  मै मार्केटिंग में था और मुझे नहीं पता था कि मार्केटिंग कैसे होती है। हमेशा छोटी कंपनियों में मार्केटिंग और सेल्स को एक ही समझा जाता है।  हम सब यही दिखाने की कोशिश करते है कि हम मार्केटिंग में है पर वास्तव में वो सेल्स का वर्क होता है। मै बिलकुल भी नहीं जानता था कि कैसे यह काम होता है।  मै कितना भी चालाक बनने या दुसरो को इम्प्रेस करने की कोशिश करू मै मार्केटिंग में सफल नहीं हो सकता था। मै क्रिएटिव नहीं था। मै आउट ऑफ़ बॉक्स नहीं सोच सकता था।  पर मै मेहनती था। मै चीज़ो को मैनेज कर सकता था और बिना थके लम्बे समय तक कोई काम कर सकता था। मेरी प्रकृति दुसरो की मद्द्त करने की थी।  यह काम थे जिन्होंने मुझे जॉब में बचाया रखा। और कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाकर रखा।   जब मैंने स्टार्ट-उप शुरू किया तो पाया कि मेरे पास फण्ड न

अगर मैदान में उतरेगा ही नहीं तो जीतेगा कैसे ?

अगर आप रास्ता भटकने से डरते है या हारने से डरते है तो बहुत ही कम चान्सेस है कि आप कुछ कर पाएंगे।  उदहारण के तौर पर ले लीजिये - अगर आप किसी खेल में मैच जीतना चाहते है तो उस मैच के सामान्यत: तीन परिणाम हो सकते है।  जीत  हार  बराबर/रद्द  इसके अल्वा किसी भी परिणाम की सम्भावना कम ही होती है। इन तीनो में से भी हार या जीत की सम्भावना 49-49% रहती है और बराबर/रद्द की सम्भावना 1-2% रहती है।  तो अगर आप कहो कि मै तो तब ही खेलूंगा अगर मेरी जीत की सम्भावना 100% हो। ऐसा कभी होगा नहीं और आप कभी खेलोगे नहीं।  अगर सभी लाइट ग्रीन होगी तभी घर से निकलूंगा तो यह सम्भव नहीं है।  ऐसा ही तब होता है जब हम बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोचते है।  बिज़नेस शुरू करने में ये तीनो परिणाम हो सकते है। और सम्भावना भी समान ही रहती है।  या तो आप उसे कर लेंगे वो कामयाब हो जाता है। या आप बुरी तरह असफल हो जायेंगे और आपकी लगाई सारी पूंजी डूब जाएगी और आप असफल हो जायेंगे।  या आप न लाभ कमा पाएंगे और न हानि होगी , जितनी पूंजी लगाई थी वो बच जाएगी।  परिणाम कुछ भी हो पर इतना तो निश्चित है कि आपको खेलना तो पड़ेगा ही अगर आपको जीतना है। 

क्या आपका बिज़नेस ग्रोथ के लिए तैयार है ?

आप अपने बिज़नेस को कब अच्छी स्थिति में मानोगे।  मेरे लिए मेरे बिज़नेस के बारे में यह घोषणा करना की वो सही स्थिति में है या नहीं है , बिलकुल भी आसान नहीं है। और वो भी तब जब मार्किट में अनिश्चितता हो।  आपको नहीं पता होता कि मार्किट में कब उतार चढ़ाव होता रहता है। और आज के दौर में तकनीक इतनी जल्दी बदलती है कि आप कभी भी नहीं यह अनुमान नहीं लगा सकते कि आपका बिज़नेस इंडस्ट्री से बाहर हो गया है।  वैसे ऑफलाइन लाइफ बिज़नेस इतनी जल्दी इंडस्ट्री से बाहर नहीं होते अगर आपके पास कोई फिजिकल प्रोडक्ट है। अगर बिज़नेस पूरी तरह तकनिकी प्रोडक्ट पर आधारित है तो यह निश्चित है।  फिजिकल प्रोडक्ट में आपके पास समय होता है खुद में बदलाव करने का कि आप अपने बिज़नेस को पुनर्जीवित कर सकते हो।  मैंने इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ने की कोशिश की कि मै अपने बिज़नेस को कब सही स्थिति में मानूंगा ? मैंने थोड़ा दूसरे व्यवसायों को स्टडी किया और वर्तमान हालत में यानि क्रोना के समय में जिन आयुर्वेदिक बिज़नेस या फार्मा बिज़नेस ने ग्रो किया उनको स्टडी किया तो पाया कि वो बिज़नेस सही स्थिति में है या ग्रो करने की स्थिति में होता है या अचानक मिले ल

सफलता का नियम - उसके पास विकल्प कितने है।

किसी व्यक्ति की सफलता दूसरे कारणों के साथ साथ इस बात पर भी निर्भर करती है कि उसके पास विकल्प कितने है।  मैंने बहुत बार अनुभव किया है कि सफलता की कारणों पर निर्भर होती है या किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे क्या कारण होते है।  मैंने पाया कि सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी होता है कि आपके पास विकल्प कितने है।  बहुत से मोटिवेटर शायद इस बात पर जोर नहीं देते या इसको महत्व नहीं देते पर मुझे लगता है कि बहुत से व्यक्तियों की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण यह था कि उनके पास विकल्प कितने है।  मनुष्य की मानसिक स्थिति इस तरह की होती है कि हमे जो सबसे सरल रस्ता मिलता है हम उसकी तरफ निकल लेते है। हममे से ज्यादातर लोग ऐसा ही करेंगे।  शायद मै भी 99% परिस्थितियों में ऐसा ही करूंगा। सबसे सरल तरीका ढूंढ़ने की कोशिश करूंगा।  पर सफलता के मामले में सरल रास्ता हमेशा सही नहीं होता। इसी लिए बहुत से सफल लोगो के पास केवल एक ही विकल्प था।  उनके पास किसी रास्ते को चुनने का विकल्प नहीं था। उनके पास केवल एक विकल्प था और केवल उसपर ही चलने की मज़बूरी।  उनके पास अगर कोई विकल्प होता तो शायद वो सबसे सरल विकल्प को चुनते और कभी

क्या बिज़नेस केवल प्रोडक्ट/सर्विस के आदान प्रधान का खेल है ?

क्या बिज़नेस केवल प्रोडक्ट/सर्विस के आदान प्रधान का खेल है या इससे भी अधिक कुछ  बिज़नेस केवल प्रोडक्ट बनाना या सर्विस देना या बेचना खरीदना नहीं है।  बिज़नेस इन सब चीज़ो से बहुत आगे तक जाना होता है  बिज़नेस बहुत सारी चीज़ो पर टिका होता है। और एक सफल बिज़नेस के लिए आपको अपनी इंडस्ट्री और प्रोडक्ट के बारे में जानकारी होने से ज्यादा बहुत कुछ जरूरी है।  आर्थिक समझ  आखिर तक टिके रहने की क्षमता मनोविज्ञान / मानवीय व्यवहार पूर्व अनुमान (कल्पना नहीं ) सीखते रहने की योग्यता