जिंदगी में रुकावटे भी जरूरी है

 जिंदगी में बहुत बार मैंने देखा है कि जब सब कुछ बिलकुल सही चल रहा होता है तो एक दम कुछ गलत हो जाता है।

शुरू शुरू में मुझे इसकी आदत नहीं थी तो बड़ा दुःख होता था। कभी कभी तो ऐसा लगता था कि जैसे सबकुछ बिखर गया हो और अब कुछ नहीं रहा। 

आराम आराम से सब चीज़ो की आदत पड़ने लगी। और अब तो ऐसा हो गया है कि अगर कोई काम बिना किसी रूकावट के हो रहा है तो यकीन ही नहीं होता। 

किसी काम में रुकावट आ रही होती है तो लगता है कि अब ये काम सही से होगा।

हमेशा मै सुनता हूँ कि इंटरप्रेन्योर सफर में आपको क्या मिलता है यह मायने नहीं रखता आप क्या बन जाते हो यह मायने रखता है। 

एक आम आदमी के लिए किसी काम में कुछ रूकावट आना बहुत बड़ी चिंता का विषय हो सकता है पर एक इंटरप्रेन्योर के लिए किसी काम में रूकावट आना सामान्य चीज़ मानी जाती है जो हर काम में आती ही आती है। 

एंट्रेप्रेन्योरशिप में आकर मैंने सीखा है कि लोग रूकावट से बचने के लिए बहुत जतन करते है पर रूकावट तो काम होने की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है। 

अगर रूकावट ही नहीं आयी तो आप वो सब नहीं जान पाओगे जो रुकावटों के पार है। आप कभी आज से बेहतर इंसान नहीं बन पाओगे। 

रुकावटे बढ़ी जरूरी है। क्यूंकि ये ही है जो हमारी असल ताकत को बाहर निकाल सकती है।

जब तक मैंने मजबूरियों से पार पाना नहीं सीखा 
तब तक खुद से आगे जाकर खुदा का दीदार करना न सीखा 
मै तो बहुत कमजोर था महफिले इ दुनिया में 
जब तक रुकावटों ने मुझे दूसरे रास्तो पर नहीं घसीटा। 

Comments

Popular posts from this blog

अपने आरामदायक दायरे से बाहर निकले

स्मार्ट वर्क क्या होता है ?

सबसे ज्यादा जरूरी क्या है - सेल्स या मार्केटिंग ?