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Showing posts from August, 2021

क्यों ज्यादातर बिज़नेस कंटेंट मार्केटिंग में फेल हो जाते है ?

किसी ने मुझसे पूछा कि अगर कंटेंट मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग के इतने अच्छे रिजल्ट है तो सभी कम्पनिया इसे क्यों नहीं करती ? करना सब चाहती है पर कंटेंट मार्केटिंग के लिए कंटेंट बनाना पड़ता है, समय खर्च करना पड़ता है और इसके रिजल्ट इतने आराम आराम से आते है कि इतना धैर्य किसी मै नहीं होता कि वो इंतज़ार कर सके।  यह इतना टाइम लेता है कि बड़े बड़े लोगो का धैर्य जवाब दे देता है।  एक कारण यह भी होता है कि ज्यादातर बिज़नेस जल्दी रिजल्ट चाहते है और कंटेंट मार्केटिंग रिजल्ट दिखाने में बहुत समय लेता है। और हर आर्गेनाईजेशन के एम्प्लॉयीज को जल्दी रिजल्ट दिखाने होते है उनके सीनियर्स को।  तो एम्प्लोयी या एजेंसीज केवल शार्ट टर्म पर ध्यान देती है इसीलिए वो कंटेंट को मैनुपुलेट करने की कोशिश करते है और ऐसे कंटेंट क्रिएट करने के कोशिश करते है जो ज्यादा से ज्यादा वायरल हो जाये। उन्हें इस चीज़ से कोई मतलब नहीं होता है कि वो उनके व्यूअर या रीडर के लिए सही भी है या नहीं।  जो लॉन्ग टर्म में किसी भी बिज़नेस के लिए नुकसान दायक सिद्ध हो सकता है। 

सफलता के मायने आपकी किसी भी खूबी से तय नहीं होते।

 सफलता काबलियत, हुनर, टैलेंट, गुण या आप कितने स्मार्ट है इस बात से तय नहीं होती।  सफलता के मायने आपकी किसी भी खूबी से तय नहीं होते।  सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने समय तक मैदान में टिके रहने के लिए तैयार है। चाहे वो जिंदगी की गेम है , जॉब की, बिज़नेस की, राजनीती की या फिर कोई और।  अगर आप अपनी आखिरी साँस तक टिके रहने के लिए तैयार है तो सफलता आपका इंतज़ार कर रही है। अगर आप उस वक़्त भी मैदान में टिके रहने के लिए तैयार है जब आपकी जीत के हर रास्ते बंद हो जाते है। जहाँ आपको लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया।  आप अगर तब भी उठने के लिए तैयार है जब आपके शरीर का हर हिस्सा उठने से मना कर रहा हो। जब आप पूरी तरह टूट चुके हो। तब सफलता आपके सबसे पास होती है। 

बिज़नेस कब खराब लगने लगता है ?

 बिज़नेस में प्रॉब्लम कब महसूस होती है ? बिज़नेस कब खराब लगने लगता है ? जब तक प्रोडक्ट अच्छी तरह बिक रहे हो। पेमेंट सही आ रही हो। मार्किट उछाल पर हो। बिज़नेस की भाषा में अगर बात करे तो अगर सीजन आया हुआ हो तो बिज़नेस बड़ा प्यारा लगता है।  ऐसा लगता है कि बिज़नेस से अच्छी चीज़ दुनिया में कोई है ही नहीं।  पर जब सीजन न हो या जिस बार सीजन न आये। मार्किट में काम कम हो , पेमेंट आने में देरी हो रही हो या मार्किट से कलेक्शन बहुत ही कम हो तो बिज़नेस में इंसान निराश होने लगता है।  कुछ समय के लिए अगर ऐसा चले तो फिर भी सहन हो जाता है पर अगर यह लम्बे समय तक चले तो बिज़नेस इंसान को बुरा लगना शुरू हो जाता है।  बिज़नेस में हर चीज़ सर्कुलेशन पर घूमती है। इधर का पेमेंट उधर और उधर का पेमेंट इधर। जब यह सर्कुलेशन टूट जाता है तो बिज़नेस को सही तरह चला पाना मुश्किल हो जाता है।  मै अक्सर अपने साथी बिज़नेस को यही राय देता हूँ कि ऐसे दौर में धैर्य रखना चाहिए। पर बहुत बार मै खुद इतना निराश हो जाता हूँ कि मुझे खुद मोटिवेशन की जरूरत होती है। 

चाहे मेरे वीडियो या पोस्ट को ज्यादा लोग न देखते हो फिर भी मै लगातार पोस्ट करता रहता हूँ।

 चाहे मेरे वीडियो या पोस्ट को ज्यादा लोग न देखते हो फिर भी मै लगातार पोस्ट करता रहता हूँ।  क्यों ? मेरा मानना है कि अगर मै कुछ भी कम्यूनिकेट नहीं करूंगा और मुझे कोई न देखे उससे अच्छा है कि मै कम्यूनिकेट करूं चाहे 10 लोग देखे , 100 देखे या 1000 देखे।  अगर मै कुछ नहीं करूंगा तो मै 10 लोगो तक भी नहीं पहुँच पाऊँगा। कुछ करके अगर 10 लोग भी मुझे सुन रहे हो और उनको मेरा कंटेंट अच्छा लग रहा हो तो वो 10 लोग ही मेरे लिए बहुत है क्यूंकि वो ही मेरी कम्युनिटी है और उनके लिए ही मै और अच्छे कंटेंट बनाने के लिए प्रेरित होता हूँ।  मुझे 500000 लोगो से कोई मतलब नहीं है मुझे केवल उन लोगो से मतलब है जिन्हे मेरा कंटेंट अच्छा लगता है चाहे वो 10 या 100 ही क्यों न हो।  मेरा एक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का चैनल है। उसपर मै अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स से रिलेटेड वीडियो डालता हूँ। मैंने देखा कि उसपर महीने के 80 व्यू है। मुझे दुःख हुआ पर फिर मैंने सोचा कि अब इसे कम से कम 80 लोगो ने तो देखा और अगर मै इनके वीडियो डालता ही नहीं तो फिर तो वो 80 लोग भी इनको नहीं देख पाते।  अगर फ्री में 80 लोगो तक मै अपना ayurvedic product य

बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे कैसे बचाए ?

बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे कैसे बचाए ? यह बहुत ही कॉमन प्रश्न होता है जब भी कोई आपसे पूछता है कि बिज़नेस कैसे शुरू करूं मेरे पास तो पैसे ही नहीं है। मुझे पता है मै सबकुछ कर सकता हूँ। एक अच्छा बिज़नेस स्थापित कर सकता हूँ। बस एक बार पैसो का इंतज़ाम हो जाये।  मै बहुत निश्चिता से कह सकता हूँ कि अगर आपको कोई पैसे भी दे दे तो भी आप बिज़नेस को स्थापित नहीं कर पाओगे और उस पैसे को बिना जरूरत की चीज़ो पर खर्च कर दोगे।  क्यूंकि अभी अपने पैसो को बचाने और अच्छी तरह इन्वेस्ट करने का पाठ सीखा ही नहीं है।  अगर अपने सीखा होता तो आपको यह कहने की जरूरत नहीं होती कि मेरे पास तो पैसे है ही नहीं।  हममे से लगभग सबके पास जिनके पास एक अच्छी जॉब है एक अच्छी सैलरी आती है। पर हम अपनी सैलरी को ही मैनेज नहीं कर पाते और महीने के आखिरी में कुछ बचाने की बजाय और जायदा खर्ज में चले जाते है।  ऐसा नहीं है कि यह कम सैलरी की वजह से होता है। यह हमेशा होता है। चाहे 10000 की सैलरी हो या 100000 की।  क्यों ? क्यूंकि हमे उसको इन्वेस्ट करना ही नहीं आता।  जितनी सैलरी बढ़ती जाएगी उतने ही खर्चे बढ़ते जायेंगे। पहले 2 बेड रूम सेट था अब 4 है

क्या स्मार्ट वर्क करके जल्दी ग्रो कर सकते है ?

 स्मार्ट वर्क का कांसेप्ट का प्रसिद्ध हुआ पिछले कुछ समय में।  लोग कहते है कि आप स्मार्ट वर्क करते हो इसीलिए अपने काफी जल्दी ग्रो किया है और अपने बिज़नेस को स्थापित करने कामयाब रहे हो।  आप लैपटॉप पर बैठे बैठे ही पार्टियां ढूंढ लेते हो और आपको कहीं पर ट्रेवल करने की जरूरत नहीं पड़ती।  उनको लगता है कि यह स्मार्ट वर्क करने की वजह से हुआ है।  नहीं !  यह हुआ है यह जानने के बाद कि मै कैसे काम कर सकता हूँ ? हो सकता है कि सबको लगता है कि यह स्मार्ट वर्क है पर असल में यह स्मार्ट वर्क नहीं है।  यह मार्किट को समझ कर उसके लिए किये गए हार्ड वर्क की वजह से है। यह संशाधनो के न होने के कारण केवल बचे हुए विकल्प पर मेहनत करने के कारण है।  यह अपने समय का सही जगह इन्वेस्ट करने के कारण है।  अगर मेरे पास संशाधन होते तो मै भी शायद वही विकल्प अपनाता जो ज्यादातर बिज़नेस अपनाते है। किसी मार्केटिंग एजेंसी को हायर करता , सेल्स टीम को रखता , मार्केटिंग पर एक बहुत बड़ा बजट खर्च करता इत्यादि।  पर मेरे पास इतने संशाधन नहीं थे।  तो मैंने एक फैसला क्या अनजाने सफर पर अपना समय और मेहनत लगाने का।  मुझे लगता है कि मुझे बहुत मेह

किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को बेचने की पहली कंडीशन क्या है ?

 किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को बेचने की पहली कंडीशन क्या है ? सबको लगता है कि उसके पास एक ऐसा प्रोडक्ट या सर्विस होनी चाहिए जो ज्यादा से ज्यादा लोग उपयोग कर सके और इसी कारण हम अपने प्रोडक्ट या सर्विस को हर किसी व्यक्ति पर बेचने की कोशिश करते है।  हमे केवल उसको बेचने से मतलब होता है तो हम हर व्यक्ति को उसके गुण और रेट्स और लाभों के बारे में बता कर उसको प्रभावित करने की कोशिश करते है ताकि वह हमसे खरीद सके।  यहाँ हम सबसे बड़ी गलती करते है।  हमे लगता है कि हर कोई हमारा कस्टमर हो सकता है और हम हर किसी को अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में शामिल कर लेते है। हर किसी को बेचने के चक्र में हम किसी को भी नहीं बेच पाते।  हर कोई आपका कस्टमर नहीं हो सकता है। हमे एक बहुत बड़ी ऑडियंस में से अपने संभावित कस्टमर को ढूंढ़ना है। और अपनी सेल्लिंग स्ट्रेटेजी और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी उसी हिसाब से बनानी है।  संभावित कस्टमर को ढूंढ़ने के लिए पहले आपको अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान होना जरूरी है।  आप क्वालिटी प्रोडक्ट बनाते है और आपकी किम्मत दूसरी कंपनी से ज्यादा पड़ती है जो रेट के बेसिस पर मार्कि

क्या आप अपनी जॉब पूरी लगन और निष्ठा से करते है?

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  मैं बहुत पर्सन्स को देखता हूं जो अपनी जो जॉब है वह पूरी निष्ठा और लगन से नहीं करते और वह चाहते हैं। उनको वह सब मिले जो उनको मिल रहा है जो अपने काम को अपनी जॉब को पूरी लगन और निष्ठा से कर रहे हैं उनमें से बहुत लोग अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और जब मैं उनसे पूछता हूं कि क्या उन्होंने अपनी जो जॉब है जो अपनी रिस्पॉन्सिबिलिटी है वह पूरी लगन और निष्ठा से निभाई है या नहीं निभाई है तो ज्यादातर प्रश्न का उत्तर हां होता है  लेकिन मन ही मन उनको लगता है कि वह अपना 100% परसेंट केवल अपने बिजनेस में ही देंगे जॉब तो केवल टाइम पास के लिए है और इसी वजह से उनको उसमें 100%  परसेंट देने की जरूरत नहीं है  लेकिन इंट्रस्टिंग बात क्या है कि उनको आदत की आदत का नहीं पता जॉब चाहे वह 6 महीने कर रहे हैं साल करें 2 साल कर रहे हैं जिस तरह वह उसमें करेंगे वहीं उनकी आदत बन जाएगी अगर वह अपनी जॉब में कामचोरी करेंगे तो उनको अपने बिजनेस में भी काम चोरी की आदत रहेगी  और अगर आप उन्होंने अपनी जॉब पूरी लगन और निष्ठा से की तो जब वह अपने बिजनेस में आएंगे उसको भी पूरी लगन और निष्ठा से ही करेंगे आदते हमेशा हमारे साथ

कैसे जॉब छोड़ने में सफल हो सकते है?

 जब भी कोई मुझसे पूछता है कि वो कैसे जॉब छोड़ने में सफल हो सकता है मेरी तरह और खुद का बिज़नेस शुरू कर सकता है।  मै हमेशा यह ही सुझाव देता हूँ कि हर रोज दिन में 1 से 2 घंटे उसको कंटेंट मार्केटिंग करनी चाहिए। वो ब्लॉग लिखे, वीडियो बनाये, बोले, कुछ भी करे फिर उसको सोशल नेटवर्क्स पर शेयर करे।  इस तरह अगर यह काम वह अगर वो सब इनफार्मेशन लोगो के साथ शेयर करेगा जो उसको पता है या जिसमे उसकी एक्सपरटाइज है तो कुछ सालो में वह अपनी जॉब छोड़ने में कामयाब हो सकता है।  एक चीज़ जो यहाँ दिन देने की है वो यह कि एक - दो महीने नहीं, छह महीने नहीं , एक-दो साल नहीं बल्कि कुछ सालो में। वह तीन भी हो सकते है , चार भी या उससे ज्यादा या कम , यह निर्भर करता है आप किस तरह से अपना सन्देश लोगो तक पहुंचा पाते हो।  पर उनका जवाब होता है कि उनके पास तो समय ही नहीं है।  जॉब से थक हार कर आते है फिर फॅमिली को भी समय देना पड़ता है।  जरूर देना पड़ता है। न मै जॉब से समय मांगता हूँ न परिवार के साथ बिताया हुआ समय मांगता हूँ। मै उस समय की बात करता हूँ जब आप सोशल नेटवर्क्स पर सर्फिंग करते हुए ख़राब करते है।  हाँ। सही सुना। ख़राब करते है।

कंटेंट आपके बिज़नेस के लिए क्यों जरूरी है ?

कंटेंट आपके बिज़नेस के लिए क्यों जरूरी है ? क्यूंकि यह सबसे सस्ता मार्केटिंग का रास्ता है।  नहीं समझे।  मै समझाता हूँ।  मार्केटिंग का मतलब क्या होता है ? मार्केटिंग का मतलब होता है कि आप अपने बिज़नेस को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक ले कर जाओ। उनके मन और दिमाग में अपने ब्रांड के प्रति जगह बनाओ।  यह आप कैसे कर सकते हो ? आप विज्ञापन करते हो , फ्री या डेमो कैंप लगाते हो, सेमिनार करते हो और भी बहुत कुछ करते हो।  इन सबके लिए हमे पैसे की जरूरत पड़ती है। एक बड़ी कंपनी के लिए संशाधनो की कमी नहीं होती। पर छोटी और नयी कंपनियों के लिए क्या ? उनके पास तो प्रोडक्ट को बनवाने तक के पैसे नहीं होते तो इतने ज्यादा खर्चे वाले काम वो कैसे करेंगे।  तो उनके पास एक टूल बचता है और वो है इंटरनेट ! वो सोशल मीडिया पर जाते है और हर जगह एक ही चीज़ टाइप करते है - हमारी कंपनी यह बनाती है , हम सबसे अच्छे है , हम यह करते है वह करते है। हमसे जुड़ने के लिए इस नंबर पर कांटेक्ट करिये।  हो सकता है तकनीक अच्छा काम कर रही हो पर यह कभी आपको लॉयल कस्टमर नहीं दे सकती।  इसकी बजाय अगर आप अच्छी नॉलेज देने का काम करते है तो लोग आपके साथ जुड़ते

हम जिंदगी में इन्वेस्टमेंट में बहुत सारी गलतियां करते है।

 मेरे हिसाब से हम जिंदगी में इन्वेस्टमेंट में बहुत सारी गलतियां करते है।  किसी भी इन्वेस्टमेंट का केवल एक मकसद होता है और वो है लाभ कमाना।  पर हममे से ज्यादातर लोगो के लिए यह खेल बहुत उलझा हुआ है। हम केवल विज्ञापन देख कर या किसी एक्सपर्ट की सलाह से किसी भी इन्वेस्टमेंट में जाने के लिए तैयार हो जाते है।  हममे लगता है कि क्रिप्टो करेंसी में लोग पैसा लगा रहे है लोग अमीर बन रहे है , मै क्यों पीछे रहूं। लोग प्रॉपर्टी खरीद रहे है कल रेट बढ़ेंगे तो मै लाभ कमा लूंगा।  पर मैंने एक अलग ही पहलु देखा है जो हमे इन्वेस्टमेंट का लाभ मिलने से रोकता है।  मेरे एक दोस्त के पास कार लोन है , हाउस लोन है और यहाँ तक कि कहूं तो काफी लोन है। उसकी किस्ते उसने समय से नहीं दी तो उसका सिबिल स्कोर भी बहुत ही कमजोर है। लेकिन वो शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करता है उसने एक अच्छी खासि पूंजी शेयर मार्किट में लगाई हुए है।  इस उम्मीद में की उससे उसको एक अच्छा लाभ होगा।  मान लेता हूँ कि उसके 20% के हिसाब से शेयर मार्किट में लाभ होता है।  उसका एक लाख एक साल बाद 120000 हो जाता है। उसके हिसाब से उसने मार्किट में 3 से 4 लाख रुपए

जिंदगी एक अनंत खेल है

 मेरे कभी कभी कल्पना करता हूँ कि अगर मुझे किसी स्कूल में बच्चो को सम्बोधन का मौका मिले और वहां मेरा लड़का भी हो तो मै बच्चो को ऐसा क्या कहना चाहूंगा जो उन्हें जिंदगी में असीम सफलता हासिल करने के लिए सशक्त बनाये।  मै काफी समय से साइमन सिनेक के वीडियो देख रहा हूँ और मुझे उनका finite गेम और infinite गेम का कांसेप्ट काफी अच्छा लगा और मुझे लगता है कि आज की जनरेशन के लिए मेरे लड़के समेत सबको यह कांसेप्ट जानना बहुत जरूरी है।  जब भी आपके पास एक से ज्यादा प्रतियोगी होते है तो आप गेम में होते है। यह गेम बिज़नेस भी हो सकता है , क्लासरूम भी हो सकता है , प्ले ग्राउंड भी हो सकता है, युद्ध का मैदान भी हो सकता है। मेरे हिसाब से यह कांसेप्ट हर जगह लागु होता है। वह गेम finite भी हो सकती है और infinite भी।  हमे पूरी जिंदगी प्रतियोगिता करना ही सिखाया जाता है। हम क्लास में भी एक दूसरे से प्रतियोगिता करते है। फर्स्ट आने के लिए, ज्यादा नंबर पाने के लिए, ज्यादा तारीफ पाने के लिए। और समय के साथ साथ यह प्रतियोगिता, यह गेम बढ़ती ही जाती है।  और हम इसे खेलते जाते है बिना यह जाने या ढूंढ़ने के की कोशिश किये बिना कि क्य

अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते है और यह कैसे कर सकते है ?

बहुत पर्सन मुझसे पूछते है कि वो अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते है और यह कैसे कर सकते है ? मै हमेशा उनको यह बताने की कोशिश करता था कि मैंने ऐसे किया है और अगर आप भी ऐसे करोगे तो आप भी अपना बिज़नेस शुरू कर पाओगे।  एक दिन मैंने सोचा कि मै अपना बिज़नेस कैसे शुरू कर पाया। बिना पैसो के , बिना संशाधनो के और बिना किसी बिज़नेस बैकग्राउंड के।  अगर आप अपनी स्थिति बदलना चाहते है तो आपको अपनी वर्तमान स्थिति से चल कर दूसरी जगह जाना पड़ेगा जहाँ आप अपने आप को देखना चाहते है।  अगर आप चाहो कि मै अभी करनाल में हूँ और दिल्ली जाना चाहता हूँ तो आपके पास एक ही रास्ता है कि आपको दिल्ली के लिए अपना सफर शुरू करना पड़ेगा। सफर का तरीका कोई भी हो सकता है - बस, कार, बाइक या पैदल। पर आपको दिल्ली पहुँचने के लिए सफर तो करना ही पड़ेगा।  बिल्कुल यही बात तब लागु होती है जब आप जॉब छोड़ कर या जॉब के साथ साथ बिज़नेस शुरू करना चाहते है।  आपको सफर की शुरुआत तो करनी ही पड़ेगी पर अफ़सोस कि लोग सफर की शुरुआत ही नहीं करना चाहते और वो चाहते है कि उनको उठना न पड़े और वो बैठे बैठे दिल्ली पहुँच जाये।  कोई आये एक क्रेन लेकर , उनको उठाकर गाड़ी में बि

पतंजलि ने ऐसा क्या किया जो डाबर नहीं कर पाया और 30000 करोड़ से पार कर गया ?

FMCG में बढ़ते कम्पटीशन को मैंने बड़े गौर से देखा। पतंजलि का टर्नओवर 30000 करोड़ से ज्यादा हो गया और डाबर का 10000 करोड़ से कम है।  क्या डाबर के पास वो संशाधन नहीं है जो रामदेव ने उपयोग किये सेल के लिए?  मुझे लगता है कि डाबर के पास ज्यादा संशाधन थे जो पतंजलि के पास नहीं थे। फिर पतंजलि आगे क्यों निकल गया और डाबर पीछे क्यों रह गया।  ऐसा नहीं है कि आप कहो कि यह राजनितिक है , राजनैतिक सहयोग से उसने यह किया है।  अगर आप ऐसा सोचते है तो आप उन लोगो में से है जिनको बिलकुल भी ज्ञान नहीं है कि बिज़नेस कैसे काम करता है। बिज़नेस राजनेताओ से नहीं, कस्टमर्स से चलता है। अगर राजनीती से बिज़नेस चलता होता तो हर राजनेता के पास अरबो खरबो का बिज़नेस होता। राजनेता भ्र्ष्टाचार से बिज़नेस मैन से पैसा निकलवा सकता है पर बिज़नेस को स्थापित नहीं कर सकता।  जब तक किसी बिज़नेस के पास कस्टमर है वो चलता रहेगा। तो पतंजलि ने डाबर से ज्यादा कस्टमर कैसे पाए जबकि डाबर 100 साल से भी पुरानी कंपनी है और डाबर के प्रोडक्ट की क्वालिटी में भी अच्छे है।   एक है कंटेंट मार्केटिंग !  जब भी मार्किट में बड़ा परिवर्तन आता है तो मार्किट में काम करने

सेल कैसे काम करता है ?

 एक दिन मन मै ख्याल आया कि सेल कैसे काम करता है ? मै किसी को कॉल नहीं करता, इ-मेल मार्केटिंग नहीं करता, कहीं से डाटा खरीद कर स्पैम नहीं करता पर फिर भी मै अपने आस पास की कुछ कंपनियों से लीड पाने में और उनको अपने कस्टमर में कन्वर्ट करने में कामयाब हो जाता हूँ।  ऐसा मैंने क्या किया ? मेरे पास कोई ज्यादा संशाधन नहीं थे , कोई ज्यादा नॉलेज नहीं थी और न ही मै किसी से ज्यादा स्मार्ट या इंटेलीजेंट हूँ ? तो यह मैंने कैसे किया ? आपसे पहले हर रास्ते पर कुछ सफल लोग गुजर चुके होते है। आपको उनको पहचानना है और उसी रास्ते से आगे बढ़ जाना है। वो सफल लोग आपके क्षेत्र से भी हो सकते है और किसी और क्षेत्र से भी।  मैंने बिलकुल वैसा ही किया। जब मैंने फार्मा में बिज़नेस के लिए ब्लॉग्गिंग शुरू की तो तब बहुत ही कम ऐसे व्यक्ति या कंपनियां थी जो फार्मा में बिज़नेस ब्लॉग्गिंग कर रही हो।  मैंने दूसरी फील्ड के लोग ब्लॉग्गिंग में कैसे कामयाब होते है उसको स्टडी किया और उसको अपनी फार्मा ब्लॉग्गिंग में इम्प्लीमेंट किया और मुझको भी बिलकुल वही परिणाम मिले जो उनको मिल रहे थे।  मैंने सेल पर भी वही चीज़ इम्प्लीमेंट की। मैंने जान

आपका भविष्य किस चीज़ पर निर्भर करता है ?

आपका भविष्य कैसा होगा यह केवल इस बात पर  निर्भर करता है कि आज आप क्या फैसला करते है।  यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपके पास क्या है और आपको कितनी नॉलेज है। यह केवल इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या फैसला लेते हो और उसको पूरा करने के लिए क्या करते हो।  जब मैंने शुरू किया था तो मेरे पास भी कुछ नहीं था। न ज्यादा नॉलेज और न कोई संशाधन। पर मैंने फैसला किया कि मुझे अपना बिज़नेस शुरू करना है और इस फैसले ने मेरी जिंदगी बदल दी।  मेरे फैसले  यह सोचने पर मजबूर किया कि मै इस चीज़ को कैसे कर सकता हु ? कैसे मै बिना पैसो के और बिना संशाधनो के अपना बिज़नेस शुरू कर सकता हूँ ? इन सवालों ने मुझे नया सीखने पर मजबूर किया और जो भी स्किल मुझे चाहिए थी वो मैंने सीखने की कोशिश की।  छोटे छोटे कदमो से मैंने अपने सफर को चालू रखा। चाहे मुझे लग रहा था कि मै कोई ज्यादा प्रोग्रेस नहीं कर रहा हूँ पर मुझे सफर से प्यार हो गया था और छोटे छोटे कदम ही सही मै अपनी मंजिल की तरफ जा रहा था।  तो अगर आप को अपना भविष्य बदलना है तो आपको आज ही अपने आप पर काम करना पड़ेगा और अपने आप को बदलना पड़ेगा। 

आपको केवल अच्छे कस्टमर चाहिए और बुरे कस्टमर्स को छोड़ना है।

एलजैक (Elzac) आज जहाँ पर है वो अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स की वजह से ही है।  पर यहाँ थोड़ी सी मॉडिफिकेशन है।  एलजैक (Elzac) आज जहाँ है केवल अपने अच्छे डिस्ट्रीब्यूटर्स की वजह से है। एलजैक (Elzac) कई बार ख़राब डिस्ट्रीब्यूटर्स के कारण बर्बाद होते होते बचा है।  मेरे कहने का तात्प्र्य केवल इतना है कि हर बिज़नेस के पास अच्छे और बुरे दोनों तरह के कस्टमर होते है। यह आपके बिज़नेस के प्रकार के निरपेक्ष होता है चाहे आप रिटेलर हो, डिस्ट्रीब्यूटर हो, मार्केटिंग कंपनी हो या मैन्युफैक्चरर हो।  अगर आप पूछो कि कैसे पहचना जाये कि कौन सही है कौन गलत तो यह पता करना मुश्किल है। यह आप कभी नहीं बता सकते कि कौन अच्छा कस्टमर होगा कौन बुरा। इसका कोई फार्मूला नहीं होता। कोई मैनेजमेंट कोर्स आपको यह नहीं सीखा सकता।  इसके लिए आपको human behavior को समझना जरूरी है।  आपको केवल बिज़नेस करना नहीं सीखना है। आपको एक बिज़नेस को सफल करने के लिए बहुत चीज़ो की जरूरत होती है उनमे से एक यह भी है कि आपको अच्छे कस्टमर्स पर ध्यान देना है और बुरे कस्टमर्स को साइड लाइन करते जाना है।  मेरा कैजले आयुर्वेदा का एक कस्टमर हमारी डिस्ट्रीब्यूशन लेने

हारने का दर्द बड़ा असहनीय होता है।

हारने का दर्द बड़ा असहनीय होता है।  पर जब तक आप इस दर्द को सहन करना नहीं सीख जाते या आप हारने के बाद में मैदान में डटे रह सकते हो तब तक आप जीतने के बारे में नहीं सोच सकते।  हो सकता है कि आप कभी कभी बिना हारे ही जीत जाओ पर अगर आपमें हार को स्वीकार करने की शक्ति नहीं है तो आप अपनी जीत को ज्यादा देर तक कायम नहीं रख सकते।  हारना किसी को अच्छा नहीं लगता। पर इस सच्चाई को तो आपको मनना पड़ेगा कि हार भी इस खेल का एक अहम हिस्सा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।  आपको हमेशा ही ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना पड़ेगा।  अगर आप हार को स्वीकार नहीं कर सकते तो आप कितनी बार भी जीत जाओ। जैसे ही आपको हार का स्वाद मिलेगा आप वहीँ पर टूट जाओगे और अपने आप को ऐसी स्थिति में पाओगे कि आप कभी भी इन परिस्थितियों से बाहर नहीं निकल पाओगे।  हार को स्वीकार करना सीखना पड़ेगा जैसे मै आज महसूस कर रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से मै जिस प्रोजेक्ट पर लगा हुआ था वो मुझे कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ेगा। मै इसमें हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ।  लेकिन मै भविष्य में कोशिश करना नहीं छोडूंगा। उसको करता ही रहूँगा। 

अगर अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो क्या करे ?

 अक्सर लोग मुझसे पूछते है कि अगर वो अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो उनको क्या करना होगा।  मेरा जवाब ज्यादातर लोगो को या तो पसंद नहीं आता या उनकी समझ में ही नहीं आता।  जब भी बिज़नेस शुरू करने की बात आती है तो सबके मन में बड़े बड़े स्थापित बिज़नेस आते है और उनको लगता है उनका भी ऐसा ही एक बिज़नेस होना चाहिए।  मै उनको कहता हूँ कि उन्हें एक छोटा सा कदम लेना चाहिए।  वो छोटा कदम क्या हो सकता है ? एक नाम ढूंढ़ना अपने बिज़नेस के लिए एक छोटा कदम है। एक ऐसा नाम जो किसी से नहीं मिलता जुलता हो।  नाम बहुत से लोगो के पास होता भी है। तो अगला कदम क्या हो सकता है ? अगला कदम अपने बिज़नेस नाम को सुरक्षित करना यानि उसका ट्रेडमार्क लेना और उसके लिए एक वेबसाइट बनवाना है।  यहाँ तक के कदम बहुत कम खर्चे के है।  नाम ढूंढ़ने में कोई खर्च नहीं है। ट्रेडमार्क में 5000 से 10000 तक का खर्चा आ जाता है। वेबसाइट में भी करीबन इतना ही खर्चा आता है।  इसके बाद के कदम खर्चीले होते है। तो मै उनको अभी आगे बढ़ने की सलाह नहीं देता। केवल यहीं पर कुछ समय रुक कर काम करने की सलाह देता हूँ।  आप अपने बिज़नेस के लिए मुक्त के मार्केटिंग टूल्स का