हारने का दर्द बड़ा असहनीय होता है।
हारने का दर्द बड़ा असहनीय होता है।
पर जब तक आप इस दर्द को सहन करना नहीं सीख जाते या आप हारने के बाद में मैदान में डटे रह सकते हो तब तक आप जीतने के बारे में नहीं सोच सकते।
हो सकता है कि आप कभी कभी बिना हारे ही जीत जाओ पर अगर आपमें हार को स्वीकार करने की शक्ति नहीं है तो आप अपनी जीत को ज्यादा देर तक कायम नहीं रख सकते।
हारना किसी को अच्छा नहीं लगता। पर इस सच्चाई को तो आपको मनना पड़ेगा कि हार भी इस खेल का एक अहम हिस्सा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आपको हमेशा ही ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
अगर आप हार को स्वीकार नहीं कर सकते तो आप कितनी बार भी जीत जाओ। जैसे ही आपको हार का स्वाद मिलेगा आप वहीँ पर टूट जाओगे और अपने आप को ऐसी स्थिति में पाओगे कि आप कभी भी इन परिस्थितियों से बाहर नहीं निकल पाओगे।
हार को स्वीकार करना सीखना पड़ेगा जैसे मै आज महसूस कर रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से मै जिस प्रोजेक्ट पर लगा हुआ था वो मुझे कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ेगा। मै इसमें हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ।
लेकिन मै भविष्य में कोशिश करना नहीं छोडूंगा। उसको करता ही रहूँगा।
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