क्या स्मार्ट वर्क करके जल्दी ग्रो कर सकते है ?

 स्मार्ट वर्क का कांसेप्ट का प्रसिद्ध हुआ पिछले कुछ समय में। 

लोग कहते है कि आप स्मार्ट वर्क करते हो इसीलिए अपने काफी जल्दी ग्रो किया है और अपने बिज़नेस को स्थापित करने कामयाब रहे हो। 

आप लैपटॉप पर बैठे बैठे ही पार्टियां ढूंढ लेते हो और आपको कहीं पर ट्रेवल करने की जरूरत नहीं पड़ती। 

उनको लगता है कि यह स्मार्ट वर्क करने की वजह से हुआ है। 

नहीं ! 

यह हुआ है यह जानने के बाद कि मै कैसे काम कर सकता हूँ ?

हो सकता है कि सबको लगता है कि यह स्मार्ट वर्क है पर असल में यह स्मार्ट वर्क नहीं है। 

यह मार्किट को समझ कर उसके लिए किये गए हार्ड वर्क की वजह से है। यह संशाधनो के न होने के कारण केवल बचे हुए विकल्प पर मेहनत करने के कारण है। 

यह अपने समय का सही जगह इन्वेस्ट करने के कारण है। 

अगर मेरे पास संशाधन होते तो मै भी शायद वही विकल्प अपनाता जो ज्यादातर बिज़नेस अपनाते है। किसी मार्केटिंग एजेंसी को हायर करता , सेल्स टीम को रखता , मार्केटिंग पर एक बहुत बड़ा बजट खर्च करता इत्यादि। 

पर मेरे पास इतने संशाधन नहीं थे। 

तो मैंने एक फैसला क्या अनजाने सफर पर अपना समय और मेहनत लगाने का। 

मुझे लगता है कि मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी है इसके लिए। दिन में 10 से 12 घंटे मैंने अपने काम को दिए है। अगर 10 घंटे काम करना हार्ड वर्क में नहीं आता तो शायद यह स्मार्ट वर्क है। 

मुझे ऐसा नहीं लगता कि यह सब स्मार्ट वर्क से कभी हो भी पाता। स्मार्ट वर्क मात्र एक भ्रम है जो शायद उन लोगो ने ईजाद किया है जो कड़ी मेहनत से बच बचना चाहते थे और अपने आपको सही सिद्ध करने के लिए उन्होंने इस शब्द को चुना है।  

और लोग किसी काम में मेहनत से बचने और उसको लम्बे समय न करने से बचने के लिए यह तर्क देते है। 

स्मार्ट वर्क का मतलब क्या होता है जो लोग समझते है। लोगो को लगता है कि मार्किट में न जाकर इंटरनेट से क्लाइंट ढूंढ़ना स्मार्ट वर्क है। इसमें क्या है ?

हमे नॉलेज होती तो हम भी कर लेते। 

मै कहता हूँ मुझे भी नॉलेज नहीं थी फिर भी मैंने किया। 

आपको किसी ने तो गाइडेंस दी होगी 

मै कहता हूँ कि मै वो सबकुछ खुली किताब की तरह बताता हूँ जो मैंने किया या जो मै करता हूँ। वो कम्पलीट गाइडेंस है। आप भी उसको कर सकते हो। 

मेरे पास समय नहीं है। आपके पास तो समय था। 

मै तो रात में भी करता था। जॉब से घर आ कर। मेरे पास रात को समय होता था। शायद आपके पास भी होगा। 

फॅमिली को भी समय देना पड़ता है। जॉब में बहुत थक जाते है। 

फॅमिली को समय जरूर देना चाहिए। पर क्या आप घर आकर फ़ोन पर सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते। जो आप न फॅमिली को दे रहे हो न खुद को। उस समय का उपयोग कर सकते हो। 

दुनियादारी की नॉलेज होना भी जरूरी है 

हाँ जरूर। पर किसी को फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने समय का किस तरह उपयोग कर रहे हो। आपको दुनियादारी की कितनी नॉलेज है। किसी को फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या हो। फर्क केवल आपको पड़ता है और वो करना जरूरी है जिसकी आपको जरूरत है। 

लोगो के पास बहुत तर्क होते है। 

और फिर लोग कह देते है कि स्मार्ट वर्क से ही कामयाब हुआ जा सकता है। 

एक बार मैंने यह फिगर आउट कर लिया कि मुझे गूगल का उपयोग करना है क्लाइंट्स के लिए तो उसके लिए मैंने लगातार बहुत ही कम परिणाम के 3 साल मेहनत की। 

लोग आश्चर्य में पड़ जाते थे कि इतना बड़ा ब्लॉग मैंने खुद लिखा है। 

वो शायद स्मार्ट वर्क नहीं था। इंटरनेट सबके लिए उपलब्ध है। फ्री है उस पर काम करना। पर उसपर कामयाब होने के लिए स्मार्ट वर्क की नहीं हार्ड वर्क की जरूरत है। 

आप गूगल को ट्रिक नहीं कर सकते। आप फेसबुक को ट्रिक नहीं कर सकते। आप किसी भी सोशल मीडिया या सर्च इंजन को ट्रिक नहीं कर सकते। 

जहाँ से हम सोचना बंद करते है उससे तो बहुत आगे से वो सोचना शुरू करते है। इन पर कामयाब होने के लिए मेहनत चाहिए। हार्ड वर्क चाहिए। 

स्मार्ट वर्क केवल यही हो सकता है कि आपकी प्रेजेंटेशन सबसे अच्छी दिखे और लोगो को आप अपनी तरफ खींचने में कामयाब हो। 

जो भी नयी टेक्नोलॉजी आये उससे अपने कार्य को सरल करने की कोशिश करो उसका उपयोग करने की कोशिश करो। यही स्मार्ट वर्क है पर बिना हार्ड वर्क के यह बेकार है। 

नहीं तो आप सोचते ही रह जाओगे कि मै तो केवल स्मार्ट वर्क करना चाहता हूँ और लोग आपसे आगे निकल जायेंगे। 

 

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