पतंजलि ने ऐसा क्या किया जो डाबर नहीं कर पाया और 30000 करोड़ से पार कर गया ?

FMCG में बढ़ते कम्पटीशन को मैंने बड़े गौर से देखा। पतंजलि का टर्नओवर 30000 करोड़ से ज्यादा हो गया और डाबर का 10000 करोड़ से कम है। 

क्या डाबर के पास वो संशाधन नहीं है जो रामदेव ने उपयोग किये सेल के लिए? 

मुझे लगता है कि डाबर के पास ज्यादा संशाधन थे जो पतंजलि के पास नहीं थे। फिर पतंजलि आगे क्यों निकल गया और डाबर पीछे क्यों रह गया। 

ऐसा नहीं है कि आप कहो कि यह राजनितिक है , राजनैतिक सहयोग से उसने यह किया है। 

अगर आप ऐसा सोचते है तो आप उन लोगो में से है जिनको बिलकुल भी ज्ञान नहीं है कि बिज़नेस कैसे काम करता है।

बिज़नेस राजनेताओ से नहीं, कस्टमर्स से चलता है। अगर राजनीती से बिज़नेस चलता होता तो हर राजनेता के पास अरबो खरबो का बिज़नेस होता। राजनेता भ्र्ष्टाचार से बिज़नेस मैन से पैसा निकलवा सकता है पर बिज़नेस को स्थापित नहीं कर सकता। 

जब तक किसी बिज़नेस के पास कस्टमर है वो चलता रहेगा। तो पतंजलि ने डाबर से ज्यादा कस्टमर कैसे पाए जबकि डाबर 100 साल से भी पुरानी कंपनी है और डाबर के प्रोडक्ट की क्वालिटी में भी अच्छे है।  

एक है कंटेंट मार्केटिंग ! 

जब भी मार्किट में बड़ा परिवर्तन आता है तो मार्किट में काम करने का तरीका बिलकुल बदल जाता है। 

उन्होंने बदलती मार्केटिंग में सबसे उपयोगी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को अपनाया चाहे वो योग सिखाना हो, जड़ी बूटियों की नॉलेज देना हो, स्वदेसी के उपयोग का पाठ हो, यानि हर माध्यम में उन्होंने कंटेंट क्रिएट किये। 

किसी भी माध्यम से हो चाहे वो लिखना हो, वीडियो हो , ऑडिओ हो। किसी भी प्लेटफार्म पर हो चाहे इंटरनेट पर, टीवी पर हो , रेडियो पर हो। 

अगर आप ध्यान से इस चीज़ को स्टडी करोगे तो पाओगे कि वो केवल कंटेंट मार्केटिंग ही थी। 

बहुत सारी कंट्रोवर्सी में भी पतंजलि फसी फिर भी वो अपने आप को और अपने सन्देश को अपने कस्टमर्स तक पहुँचाने तक कामयाब रहे। 

जो और कोई आयुर्वेदिक कंपनी नहीं कर पायी। 

दूसरा है क्यों ?

अगर यहाँ "क्यों" का मतलब नहीं समझे तो मै समझाता हूँ। 

बिज़नेस में तीन चीज़े होती है - क्या, कैसे और क्यों ?

आप बिज़नेस में क्या कर रहे है ? यानि आपके पास क्या प्रोडक्ट है , क्या सर्विसेज है जिनको आप कस्टमर्स को बेच रहे है।  तकरीबन हर बिज़नेस को पता है कि वह क्या कर रहा है ?

आप बिज़नेस को कैसे कर रहे है ? यानि आप कैसे अपने बिज़नेस को कस्टमर्स तक पहुंचा रहे है। बहुत कम छोटे बिज़नेस यह जानते है और इसीलिए सेल में स्ट्रगल करते है। ज्यादातर बड़े बिज़नेस यह जानते है और वो मार्केटिंग करते है , सेल्स टीम रखते है और अपने प्रोडक्ट्स को कस्टमर्स तक पहुंचाते है। 

आप बिज़नेस को क्यों करते है ? यह 99% बिज़नेस को नहीं पता होता। चाहे वो छोटा हो या बड़ा। कुछ ही बिज़नेस ऐसे होते है कि जिनको पता होता है या वो अपने कस्टमर्स तक यह पहुँचाने में कामयाब रहते है कि वो यह क्यों कर रहे है। 

जब कोई भी बिज़नेस यह सन्देश देने में कामयाब हो जाता है कि वह यह क्यों कर रहा है तो फिर उसको कस्टमर्स को कुछ बेचने की जरूरत नहीं पड़ती , कस्टमर्स खुद ही उससे जुड़ना शुरू हो जाते है। 

इसका सबसे फेमस उदाहरण है - एप्पल ! स्टीव जॉब ने अपने कस्टमर्स को यह बताया कि वो यह क्यों कर रहे है ? उन्होंने बताया कि वो अपने कस्टमर्स को सबसे अच्छा यूजर एक्सपीरियंस देना चाहते है नए नए इनोवेशन की द्वारा।

उस वक़्त ऐसा कोई नहीं बोल रहा था तो कस्टमर्स ने एप्पल इस लिए नहीं खरीदा की वो बेस्ट था उन्होंने उसको इस वजह से खरीदा कि वो उस इनोवेशन और एक्सपीरियंस से खुद को जोड़ना चाहते थे। 

ऐसा ही पतंजलि ने किया।  उसने लोगो तक सन्देश पहुँचाया कि वो हर घर तक स्वदेशी पहुँचाना चाहते है। वो देश को विदेशी कंपनियों से मुक्त करना चाहते है और आर्थिक आजादी चाहते है। 

जब यह सन्देश लोगो तक पहुंचा तो लोगो ने पतंजलि को नहीं खरीदा, लोगो ने उससे जुड़े सन्देश को खरीदा। और परिणाम हमारे सामने है। 

मैंने भी पिछले कुछ दिनों में क्यों के महत्व को जाना है, फिर मैंने इसको सफल बिज़नेस पर अप्लाई करके देखा और पाया कि यह वाक्य  है अगर आप इसको अपने कस्टमर तक पहुंचा पाओ 

और आखिरी में, मै भी अपने बिज़नेस के लिए एक "क्यों" चाहता हूँ !

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