बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे कैसे बचाए ?
बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे कैसे बचाए ?
यह बहुत ही कॉमन प्रश्न होता है जब भी कोई आपसे पूछता है कि बिज़नेस कैसे शुरू करूं मेरे पास तो पैसे ही नहीं है। मुझे पता है मै सबकुछ कर सकता हूँ। एक अच्छा बिज़नेस स्थापित कर सकता हूँ। बस एक बार पैसो का इंतज़ाम हो जाये।
मै बहुत निश्चिता से कह सकता हूँ कि अगर आपको कोई पैसे भी दे दे तो भी आप बिज़नेस को स्थापित नहीं कर पाओगे और उस पैसे को बिना जरूरत की चीज़ो पर खर्च कर दोगे।
क्यूंकि अभी अपने पैसो को बचाने और अच्छी तरह इन्वेस्ट करने का पाठ सीखा ही नहीं है।
अगर अपने सीखा होता तो आपको यह कहने की जरूरत नहीं होती कि मेरे पास तो पैसे है ही नहीं।
हममे से लगभग सबके पास जिनके पास एक अच्छी जॉब है एक अच्छी सैलरी आती है। पर हम अपनी सैलरी को ही मैनेज नहीं कर पाते और महीने के आखिरी में कुछ बचाने की बजाय और जायदा खर्ज में चले जाते है।
ऐसा नहीं है कि यह कम सैलरी की वजह से होता है। यह हमेशा होता है। चाहे 10000 की सैलरी हो या 100000 की।
क्यों ?
क्यूंकि हमे उसको इन्वेस्ट करना ही नहीं आता।
जितनी सैलरी बढ़ती जाएगी उतने ही खर्चे बढ़ते जायेंगे। पहले 2 बेड रूम सेट था अब 4 है फिर 6 की चाह हो जाएगी। आज छोटी गाड़ी है, फिर बड़ी गाड़ी। आज छोटी दुकान से खरीदारी होती है फिर बिना ब्रांड के तो कुछ पहनना ही नहीं है।
पर कभी सोचा है कि इस झूठे स्टेटस से हमे क्या मिला है। और महीने के आखिरी में हम क्या बचा पाते है।
जितनी इनकम बढ़ती जाती है उतने ही लोन बढ़ते जाते है। और पैसा होने की बजाय देन दरियां बढ़ती जाती है तो बिज़नेस के लिए पैसे कहाँ से बचेंगे।
बिज़नेस एक लॉन्ग टर्म गेम होती है। और हम शार्ट टर्म गेम में फसे रहते है।
हम शार्ट टर्म स्टेटस के लिए खर्चे करते रहते है तो हमारे पास लॉन्ग टर्म गोल के लिए पैसा कहाँ बचेगा।
बिज़नेस को आप एक साथ आये पैसे से कभी भी खड़ा नहीं कर सकते वो एक लॉन्ग टर्म गेम है उसको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की ही जरूरत होती है। थोड़ा थोड़ा ही सही पर अगर आप अपने बिज़नेस में लम्बे समय तक इन्वेस्ट करते रहते है तो आप पाना बिज़नेस स्थापित करने में कामयाब रहते है।
पर उसके लिए हमे शार्ट टर्म आनंद देने वाले खर्चे कम करने पड़ेंगे। हम छोटी गाड़ी में गुम सकते है , छोटे घर में रह सकते है।
मेरे हिसाब से हमे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि लोग हमारे बारे में क्या कहते है। हमे केवल वो करना चाहिए जो करना सही है , न कि यह कि उसने बड़ा घर ले लिया या बड़ी कार ले ली तो हमे भी लेनी चाहिए कहीं हमारा स्टेटस कम न रह जाये।
किसी को घंटा फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या पहनते हो या कहाँ रहते हो पर आपको पड़ता है अगर आप खर्ज में हो तो।
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