क्या आपका बिज़नेस ग्रोथ के लिए तैयार है ?

आप अपने बिज़नेस को कब अच्छी स्थिति में मानोगे। 

मेरे लिए मेरे बिज़नेस के बारे में यह घोषणा करना की वो सही स्थिति में है या नहीं है , बिलकुल भी आसान नहीं है। और वो भी तब जब मार्किट में अनिश्चितता हो। 

आपको नहीं पता होता कि मार्किट में कब उतार चढ़ाव होता रहता है। और आज के दौर में तकनीक इतनी जल्दी बदलती है कि आप कभी भी नहीं यह अनुमान नहीं लगा सकते कि आपका बिज़नेस इंडस्ट्री से बाहर हो गया है। 

वैसे ऑफलाइन लाइफ बिज़नेस इतनी जल्दी इंडस्ट्री से बाहर नहीं होते अगर आपके पास कोई फिजिकल प्रोडक्ट है। अगर बिज़नेस पूरी तरह तकनिकी प्रोडक्ट पर आधारित है तो यह निश्चित है। 

फिजिकल प्रोडक्ट में आपके पास समय होता है खुद में बदलाव करने का कि आप अपने बिज़नेस को पुनर्जीवित कर सकते हो। 

मैंने इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ने की कोशिश की कि मै अपने बिज़नेस को कब सही स्थिति में मानूंगा ?

मैंने थोड़ा दूसरे व्यवसायों को स्टडी किया और वर्तमान हालत में यानि क्रोना के समय में जिन आयुर्वेदिक बिज़नेस या फार्मा बिज़नेस ने ग्रो किया उनको स्टडी किया तो पाया कि वो बिज़नेस सही स्थिति में है या ग्रो करने की स्थिति में होता है या अचानक मिले लाभ को पाने में कामयाब रहता है। 

जो यह क्षमता रखता है कि किसी स्थिति में अगर उसके पास अपनी वर्तमान सेल से दोगुने आर्डर आ जाये तो वो उसको पूरा कर पाएंगे बिना किसी अतरिक्त आर्थिक परेशानी में पड़े बिना। 

चाहे आप रिटेलर हो, चाहे डिस्ट्रीब्यूटर, चाहे मार्केटिंग कंपनी हो, चाहे मैन्युफैक्चरर हो यह बात सबपर लागु होती है। 

दोगुनी सेल कैसे होगी - या तो आपके पास इतना स्टॉक हो कि आप अपनी वर्तमान क्षमता से दोगुनी सेल कर पाओ और उसके बाद भी आप आर्थिक परेशानी में न आओ और इस लय को आप बरकरार रख पाओ। 

कभी ऐसा न हो कि इसको आप एक दिन, एक हफ़्ता या एक महीना तो बरकरार रख पाओ पर उससे आगे आप लड़खड़ाना शुरू हो जाओ। 

यहाँ पर आपको समय की गति से अपनी गति मिलानी पड़ेगी। आपको लगेगा कि समय ने अपनी रफ्तार बढ़ा ली है और आप पीछे रह रहे हो। 

आपको अपनी रफ्तार को समय से मिलाने की कोशिश करनी होगी। अगर आप ऐसा कर पाए तो आप मोके का फायदा उठा सकते हो नहीं तो आप ग्रो करने का बहुत बड़ा मौका खो दोगे। 

स्टॉक का सिद्धांत फिजिकल प्रोडक्ट पर लागु होता है। डिजिटल प्रोडक्ट्स पर भी स्टॉक से जुड़ा ही पहलू होता है। ज्यादा विजिटर आपने से वेबसाइट क्रैश हो जाती है या स्लो हो जाती है या बैंडविडथ एक्ससीड कर जाती है। या ऐसा कुछ भी हो सकता है। 

तो वहां भी यह सिद्धांत काम करता है। 

अब कोई भी यह कह देगा। इसमें क्या बड़ी बात है। 

अपनी सेल से दुगना स्टॉक तो कोई भी रख सकता है या सभी रखते ही होंगे। 

यही तो यहाँ पर झोल है। 

एक तो आपको नहीं पता ऐसा मौका कब आता है। 

यह मौका आपके बिज़नेस शुरू करते ही आ सकता है या सालो तक भी नहीं आएगा। तो स्टॉक पर बेफिजूल की इन्वेस्टमेंट क्यों। 

व्यवसायों को स्टडी करते हुए मैंने पाया कि ज्यादातर बिज़नेस अपने पास स्टॉक अपनी क्षमता के हिसाब से ही  रखते है। और यही बिज़नेस की सही मैनेजमेंट के लिए सही होता है कि आप अपनी इन्वेंटरी को रोटेशन में और सही तरह मैनेज करो। 

अगर बिज़नेस के फाइनेंसियल स्वास्थ्य के हिसाब से ही स्टॉक रखा जाता है तो दूसरा विकल्प क्या बचता है अगर अचानक ग्रोथ मिले और उसका लाभ आप ले सको। 

दूसरा विकल्प बचता है - आपका वेंडर। रिटेलर के लिए  डिस्ट्रीब्यूटर वेंडर होता है , डिस्ट्रीब्यूटर के लिए कंपनी या cnf, मार्केटिंग कम्पनीज के लिए मैन्युफैक्चरर और मैन्युफैक्चरर के लिए रॉ मटेरियल सप्लायर।

आपके पास ऐसे वेंडर होने चाहिए जो आपको समय की गति को पकड़ने में मद्द्त करे। यानि आपके वेंडर मजबूत होने चाहे और उनको आप पर विश्वास होना चाहिए। 

मजबूत का मतलब कि उसकी क्षमता इतनी होनी चाहे कि अगर आप उससे डिमांड के हिसाब से और सही समय पर प्रोडक्ट की मांग करो तो वो पूरी कर पाए। ऐसा न हो कि उसकी क्षमता ही बहुत कम हो और वही समय पर आपको माल न दे पाए। 

विश्वास से मतलब है कि आपकी मार्किट में अच्छी रेपुटेशन है और आप पर लोग इन्वेस्ट लार सकते है यानि आपको क्रेडिट में माल दे सकते है अगर आपके पास अभी फाइनेंस की कमी है। 

लोग आप पर क्रेडिट क्यों लगेंगे यानि आपको माल उधार में क्यों देंगे। 

  • अपने पहले उनका पैसा समय पर लौटाया है। 
  • आपके साथ बिज़नेस करके उनको भी लाभ होगा यानि पैसा तो आएगा ही और साथ में कुछ लाभ भी लेकर आएगा। ऐसा न हो कि उसको यकीन ही न हो कि आप उसका पैसा वापिस लौटा पाओगे तो चाहे फिर जितना लाभ उसको होना हो वो आपको माल नहीं देगा। ब्याज के साथ साथ मूल भी जायेगा। 
  • हो सकता है वो मार्किट से आपके बारे में रिव्यु ले। अगर आपका मार्किट में रिव्यु अच्छा है और दूसरे लोग कहे कि आपकी पेमेंट अच्छी है तो भी वो आपको उधार दे सकता है। 
अगर आपको मार्किट से उधार नहीं मिल सकता तो आपको फाइनेंस का इंतज़ाम करना होगा। अब वो आप कैसे कर सकते है वो आपको देखना होगा।

क्लाइंट से एडवांस पेमेंट लेनी है, बाहर से इन्वेस्टमेंट लेनी है, बैंक लोन लेना है, किसी से उधार पर पैसे लेने है। 

यानि अगर आपको कभी भी ग्रो का मौका मिलेगा तो आपके पास फाइनेंस भी होना जरूरी है। 

अगर आपकी गुड विल अच्छी होती मार्किट में तो आपको उधार माल मिल जाता और वो भी आपके लिए फाइनेंस का ही काम करता और वो ऐसा फाइनेंस है जिसपर आपको ब्याज भी नहीं देना पड़ता। 

मैंने सफल व्यवसायों में यह बात देखी है कि जब भी उनको अचानक ग्रोथ का मौका मिलता है तो यहाँ से वो अपने क्लाइंट से एडवांस पेमेंट ले लेते है या वेंडर से क्रेडिट में माल ले लेते है। 

उनको बाहर से इन्वेस्टमेंट लेने या हमेशा बैंक के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती और पड़ाव को आसानी से पार कर जाते है। 

इस समय पर समय बड़ी तेजी से चलता है। आपको हमेशा ही समय की कमी नजर आएगी। 

या तो आप समय को हाथ से निकलने का इंतज़ार कर सकते है और कामना कि सब कुछ अपने आप ही हो जाये

या आप समय  चलने की कोशिश कर सकते है और अधिक समय देकर यानि ओवर टाइम काम करके या स्टाफ की संख्या बढ़ा कर या आउट सोर्स करके या वेंडरों की संख्या बढ़ाकर या किसी भी माध्यम से समय के साथ चलने की कोशिश  कर सकते हो। 

अगर आपके पास बिज़नेस में आपके पास स्टॉक है , फाइनेंस है  और आप एक्स्ट्रा वर्क कर सकते हो तो आपका बिज़नेस सही स्थिति में है। 

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