कब मै सबसे शक्तिशाली होता हूँ ?

 मुझे हमेशा अहसास होता है कि जब मै अपना नेचुरल नहीं दे पा रहा होता हूँ तब मै सबसे कमजोर होता हूँ। 

जब मै किसी और की तरह बनना या दिखना चाहता हूँ तो मै सबसे कमजोर होता हूँ। 

पर जब मै मै होता हूँ तो मै सबसे शक्तिशाली होता हूँ। और मै अपने में खुद को ढूंढ़ने की कोशिश करता हूँ। 

मै मार्केटिंग में था और मुझे नहीं पता था कि मार्केटिंग कैसे होती है। हमेशा छोटी कंपनियों में मार्केटिंग और सेल्स को एक ही समझा जाता है। 

हम सब यही दिखाने की कोशिश करते है कि हम मार्केटिंग में है पर वास्तव में वो सेल्स का वर्क होता है। मै बिलकुल भी नहीं जानता था कि कैसे यह काम होता है। 

मै कितना भी चालाक बनने या दुसरो को इम्प्रेस करने की कोशिश करू मै मार्केटिंग में सफल नहीं हो सकता था।

मै क्रिएटिव नहीं था। मै आउट ऑफ़ बॉक्स नहीं सोच सकता था। 

पर मै मेहनती था। मै चीज़ो को मैनेज कर सकता था और बिना थके लम्बे समय तक कोई काम कर सकता था। मेरी प्रकृति दुसरो की मद्द्त करने की थी। 

यह काम थे जिन्होंने मुझे जॉब में बचाया रखा। और कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाकर रखा।  

जब मैंने स्टार्ट-उप शुरू किया तो पाया कि मेरे पास फण्ड नहीं है। मै मार्केटिंग पर पैसे खर्च नहीं कर सकता। यहाँ तक कि शुरूआती प्रोडक्ट्स के पैसे भी मैंने उधार लेकर काम चलाया था। 

फिर सोचा कि कैसे क्या हो सकता है। 

वेबसाइट बनवायी। उसको फ्री में प्रमोट करने के तरीके ढूंढे। 

फिर माइंड में आया कि जो मै हूँ ही नहीं वो बन कर कुछ नहीं कर सकता पर जो मै हूँ वो तो मै बन सकता हूँ। 

मै लोगो की बिना कुछ एक्सपेक्ट किया मद्द्त कर सकता था। ब्लॉग्गिंग शुरू की तो उसके द्वारा अपनी नॉलेज के हिसाब से लोगो की मद्द्त करनी शुरू की। 

एक काम को मै लगातार घंटो तक बिना थके और बिना बोर हुए कर सकता था तो उसको घंटो तक किया। 

तो परिणाम सामने है। 

खुद को पहचानना और खुद के बारे में जानना , पुरे संसार को जानने से ज्यादा फायदेमंद है। 

दुसरो की कमजोरियों और अच्छाइयों से ज्यादा खुद की कमियों और अच्छाइयों के बारे में जानना जरूरी है। 

मेरी कमजोरी यह है कि मै बहुत सरल और साधारण व्यक्तित्व का व्यक्ति हूँ जो दुसरो से बात करते हुए हिजकता है। जो ज्यादा सोशल नहीं है। दुनियादारी की ज्यादा समझ नहीं है। 

लोग मेरी मद्द्त करने के स्वभाव का फायदा भी उठाते थे। आपसे अपने काम निकलवाने के लिए पर अगर आप अपनी कमजोरियों को जान लोगे और उनको सही दिशा दे दोगे तो वो आपके लिए वरदान होगी। 

आप कोई और बनकर खेल को नहीं जीत सकते। आप केवल खुद से ही यह खेल जीत सकते हो। 

हर इंसान में अच्छाइयाँ और बुराइयाँ होती है पर उनको जानना ही सबसे बड़ा हुनर है। आप किसी भी चीज़ में कितने भी माहिर हो सकते हो पर अगर आप खुद को जानने में माहिर नहीं हो तो आप के सारे हुनर एक समय पर बेकार हो जायेंगे। 

खुद बनकर इस जिंदगी को जिया जाये तो इसका मजा ही कुछ और होता है। 


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