स्मार्ट वर्क क्या होता है ?

 स्मार्ट वर्क क्या होता है ?

असल में स्मार्ट वर्क के बारे में हमारी धारणाए बहुत गलत है। इसी वजह से हम अपने कामो को स्मार्ट वर्क मान कर चल रहे होते है पर वास्तव में वो स्मार्ट वर्क नहीं होता। 

स्मार्ट वर्क किसी भी कार्य को करने का सबसे आसान और सरल रास्ते ढूंढ़ने को कहते है जिससे किसी कार्य को करने के समय और संशाधनो को बचाया जा सके। (शुरुआत में कभी कभी हो सकता है यह कठिन रास्ता लगे )

उदाहरण के तोर पर अगर हम लेते है तो पहले स्टॉक का काम मैन्युअल करते थे। स्टॉक रजिस्टर को व्यक्ति मेन्टेन करता था। क्या आ रहा है , क्या जा रहा है वो सब लिखता था। उसको हर बार नाम लिखना पड़ता था और अगर उसको स्टॉक की पिछली डिटेल निकलवानी थी तो उसको सभी पेजो को पलट कर एक लम्बा काम करना पड़ता था।

फिर किसी ने दिमाग लगाया और कंप्यूटर का उपयोग करना शुरू कर दिया। दिनों का काम घंटो में होने लगा और घंटो का काम मिनटों में। 

तो इसको हम स्मार्ट वर्क कहेंगे। क्यूंकि यहाँ काम की सरलता बड़ी है और वो आसान हुआ है। 

फिर क्या हुआ - देखते देखते सभी कंप्यूटर ले आये। और सबका काम आसानी और सरलता से होने लगा। 

तो अब वो स्मार्ट वर्क नहीं रहा क्यूंकि अब सभी उसी तरह काम करने लगे है और सबके कार्य का समय आपके कार्य के समय के बराबर है। 

आप इस तरह से आप उस काम को दुसरो से जल्दी नहीं कर सकते। 

अगर अब आपको उस काम को स्मार्ट वर्क बनाना है तो आपको इससे भी आसान और सरल तथा कम समय में पूरा करने का तरीका ढूंढ़ना होगा। 

अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आपको दुसरो से ज्यादा काम करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। 

दूसरा उदाहरण लेते है - कोई कंपनी अपने कस्टमर ढूंढ़ने के लिए सेल्स पर्सन को मार्किट में भेज रही है। वो उनसे मिल रहे है और आर्डर ले रहे है। फिर एक कंपनी आयी उसने सेल्स पर्सन की जगह एक इंटरनेट को जानने वाले पर्सन को रखा और कस्टमर्स तक उनके मोबाइल के द्वारा पहुंचना शुरू कर दिया। 

यह स्मार्ट वर्क की क्षेणी में आता है पर क्या हो अगर सभी कम्पनिया इसी तरह कस्टमर तक पहुंचना शुरू कर दे तो वो फिर स्मार्ट वर्क नहीं रहेगा। 

जैसे ही ये स्मार्ट वर्क नहीं रहा तो किसी व्यक्ति ने दिमाग लगाया और दो पर्सन जॉब पर रखे। एक इंटरनेट के लिए और दूसरा मार्किट के लिए। इससे उसको कस्टमर एक्वीजीशन जल्दी होने लगा। क्यूंकि इंटरनेट से वो कस्टमर तक खुद की पहचान बना पाए और डायरेक्ट कस्टमर से मिल कर उसे फाइनल कर पाए। 

लेकिन थोड़े समय बाद सभी इसी का अनुसरण करना शुरू देगी। तो यह स्मार्ट वर्क नहीं रहेगा क्यूंकि सब एक ही समय में किसी काम को कर रही है। तो फिर हमे उससे भी आसान और सरल रास्ता कस्टमर को जल्दी कन्वर्ट करने का ढूंढ़ना होगा। 

यह स्मार्ट वर्क की परिभाषा होती है। 

पर हम स्मार्ट वर्क को कुछ और मान कर चलते है। 

हममें से ज्यादातर लोग स्मार्ट वर्क को यह मान कर चलते है कि कैसे दुसरो से अपना काम निकलवाया जाये, कैसे दुसरो का उपयोग करके सफल हुआ जाये। 

चीज़ो को मैनुपुलेट करना स्मार्ट वर्क नहीं होता। चीज़ो को नए ढंग से करना जिससे उनको करना सरल और आसान हो और समय तथा संशाधनो की बचत करे उसको स्मार्ट वर्क कहते है। 

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