बिज़नेस के नियम कभी नहीं बदलते !

 बिज़नेस के नियम हमेशा समान रहते है पर बिज़नेस के तरीके बदलते रहते है। 

बहुत बार लोग प्रश्न करते है समय के साथ नियम कैसे समान रह सकते है जब बिज़नेस के तरीके बदल गए। पुराने नियमो से तो बिज़नेस पुराने तरीके से ही हो सकता है। 

नियमो से मेरा मतलब बिज़नेस के प्रकारो या आप उसे किस तरह करते है उससे नहीं है। नियमो से मेरा मतलब है कि बिज़नेस किस तरह काम करता है। 

पहले आवा गमन (transportation) का साधन घोड़ा गाड़ी थे और अब बस, रेल, जहाज इत्यादि है। यहाँ बिज़नेस करने का तरीका बदल गया पर क्या अपने गौर किया की बिज़नेस दोनों ही तरीको में एक ही तरह काम कर रहा है। 

घोड़ा गाड़ी में भी आपको आने जाने के लिए पैसे देने पड़ते थे और आधुनिक संसाधनों में भी। तब भी प्रतियोगिता थी और आज भी है। तब भी यह मायने रखता था कि कौन कैसी सेवाएं दे रहा है और आज भी। 

सबसे पहले ढोल नगाड़ो से सभी तक खबर पहुंचाई जाती थी। फिर अख़बार सुचना के साधन बने। फिर न्यूज़ चैनल आये। फिर ट्विटर या दूसरे साधन आये। 

ढोल नगाड़ो वालो को खबर देने वाला पैसे देता था न की सुनने वाले। अख़बार को खरीदने वाले अख़बार के लिए पैसे जरूर देते है पर उनकी मुख्य आय का साधन प्रचार विज्ञापनों से होता है इसीलिए अख़बार अपनी असल कीमत से बहुत कम रेट पर पढ़ने वालो तक पंहुचा दिए जाते है। 

फिर न्यूज़ चैनल आये, उनकी आय का भी साधन प्रचार विज्ञापन ही है। ट्विटर और न्यूज़ वेबसाइट की कमाई का भी भी साधन प्रचार विज्ञापन ही है। 

मतलब यहाँ खबरों को सुनने, पढ़ने या देखने वाले से आप ज्यादा कमाई नहीं कर सकते। इस तरह के बिज़नेस में बिज़नेस मॉडल अलग ही तरह का रहता है। 

मेरे कहने का केवल यह ही मतलब है कि बिज़नेस करने का तरीका तकनीक के साथ चाहे बदल जाये पर बिज़नेस करने के नियम हमेशा समान ही रहेंगे। 

इसीलिए आपको किसी भी बदल से डरने की जरूरत नहीं है अगर आपको बिज़नेस की समझ है। केवल तरीका समय के साथ बदलना है बाकि उसी तरह काम करते रहना है। 

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