क्या कोई आसान रास्ता है ?
मै अक्सर सोचता हूँ कि क्या भी कोई आसान रास्ता होता है ?
मुझे लगता है कि कोई भी रास्ता आसान नहीं होता और कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं होता। किसी भी रास्ते का मुश्किल होना या आसान होना इस बात पर निर्भर करता है कि हमे उसके बारे में कितना ज्ञान है।
शुरू शुरु में जब भी मुझे कोई बड़ा आर्डर मिल जाता था तो मै बहुत रोमांचित हो जाता था। मेरे कदम आसमान में होते थे तथा मन चाँद पर। फिर अचानक में धरती पर गिरता था। मेरी उड़ने की ऊंचाई जितनी ज्यादा होती थी उतनी ही ज्यादा गिरने पर दर्द होता था।
फिर मैंने खुद को संतुलित करना सीखना शुरू किया। अब मुझे लगता है कि कोई भी काम बिल्कुल वैसे नहीं हो सकता जैसे हम सोचते है। काम के होने में परेशानिया तो आएगी ही। बस उसके लिए मै मानसिक रूप से अपने आप को तैयार रखने की कोशिश करता हूँ।
पर अपने आप को तैयार करने के बावजूद हार को सहना बड़ा दुःख दायी होता है।
अभी हाल में मिले बड़े आर्डर में मै यही सोच रहा हूँ कि यह नुकसान का सौदा साबित न हो भले। अगर नुकसान का प्रतिशत रहे भी तो बहुत ही कम क्यूंकि यहाँ पर मेरा लाभ का प्रतिशत बहुत ही कम है और इस डील को नुकसान की बजाय नो प्रॉफिट नो लॉस पर रख पाना भी मेरे लिए लाभ के ही बराबर होगा।
केवल मै ही जानता हूँ कि अंदर से मै क्या महसूस कर रहा हूँ। पर डर के इस अहसास को मै भूतकाल में घटित हुए कुछ नुकसानों के कारण महसूस कर रहा हूँ।
मेरा अनुभव मुझे इस बात पर विश्वास कराता है कि चीज़े कभी भी सीधी रेखा में नहीं चलती। वह ऊपर निचे होती रहती है।
मै बहुत समय बाद अपने कॉम्पोर्ट जोन से बाहर निकला हूँ। और यह मै अपने अंदर महसूस कर सकता हूँ बस उसको शब्दो में व्यक्त नहीं कर सकता।
अगर शब्दों में व्यक्त करने की कोशिश करूँ तो मेरे अंदर हारने का डर है जिसपर मै विजय पाने की कोशिश कर रहा हूँ। कही न कही मेरा अनुभव मुझे कुछ गलत होने का डर दिखा रहा है। मै बाहर से शांत होने के बावजूद बहुत सहमा हुआ हूँ।
मेरे लिए किसी दूसरी चीज़ में ध्यान लगाने की बजाय इस समय अवधि के गुजरने का इंतज़ार हो रहा है।
मुझे नहीं पता क्या होगा ?
लाभ और हानि बिज़नेस के दो स्तम्भ है। दोनों साथ साथ ही चलते है। पर मै उतना ही नुकसान सहन कर सकता हूँ जितनी मेरी क्षमता है। अगर उससे ज्यादा बात निकलती है तो मेरे लिए आगे का सफर थोड़ा मुश्किल हो जायेगा।
मै किसी चीज़ की कामना नहीं करता। न मै कभी सफल होने की कामना करता हूँ और न कभी असफल होने की। मैंने हर बार समय के साथ बहने का फैसला किया। इस बार भी मैंने समय पर ही अपना दांव लगाया है।
उम्मीद करते है कि मै समय को उसकी गति से गुजरने दूँ बिना किसी तरह का दिमाग और दिल पर तनाव लिये। और शन्ति के साथ समय व्यतीत करूं।
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