क्यों लोग पहले नुकसान में ही बिज़नेस छोड़ देते है ?

बहुत से लोग पहले सेट बैक में ही बिज़नेस या अपने स्टार्टअप को छोड़ने की बात करने लग जाते है। 
उनको लगता है कि यह बिज़नेस उस तरह का नहीं है जिस तरह का उनको चाहिए। 
पर वह भूल जाते है कि सेट-बैक और असफलता इस रास्ते में हमेशा साथ-साथ चलेगी। आप उनको नहीं बदल सकते। डिमांड और रिसेशन का दौर तो चलता ही रहेगा। 
कभी तेजी रहेगी और कभी मंदी। पर दिक्क्त ये है कि लाभ तो सभी को चाहिए पर जब हानि की बात आती है तो उनको लगता है कि उसको कोई और सहे। अगर लाभ के समय आप हो तो नुकसान के समय में भी आपको ही रहना पड़ेगा। 
लेकिन लोग नुकसान के समय भागने लगते है। जब तक लाभ आ रहा था बिज़नेस करना उनके लिए दुनिया का सबसे मजेदार काम था और जैसे ही नुकसान होना शुरू हुआ। उनको लगना शुरू हुआ कि शायद यह उतना मजेदार भी नहीं है और उनको इसको छोड़ देना चाहिए। 
मैंने बहुत लोगो को पहले सेट बैक में ही बिज़नेस को बंद करते हुए देखा है और वो भी कभी दोबारा न इस रास्ते पर आने के लिए। 
पर सेट बैक तो अस्थाई होते है। वो बहुत थोड़े समय के लिए ही रहते है और बिज़नेस फिर सामान्य रूप से चलने लगता है। 
यहाँ पर धैर्य काम करता है पर वो मुझे लगता है बहुत ही कम व्यक्तियों में ही होता है।
खुद धैर्य की कमी और पहली असफलता से ही मैदान छोड़ देते है और फिर कहते रहते है कि बिज़नेस दुनिया का सबसे जोखिम भरा काम है।  जिस का चल गया वो राजा है और जिसका नहीं चला वो बर्बाद हो जाता है। 
बिज़नेस जोखिम भरा हो सकता है पर निरंतर लगे रहना और धैर्य बनाये रखना इसकी सफलता की नींव होती है।  

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