अपना स्टार्ट-उप भी एक तरह से इन्वेस्टमेंट का ही प्रकार है !

हमारे पास इन्वेस्ट करने के बहुत से विकल्प होते है। 

विकल्पों की कभी भी कमी नहीं होती पर क्या हमारे लिए अच्छा है और क्या बुरा यह समझ हममे होना जरूरी है। हर वस्तु एक प्रकिर्या से गुजरती है। अब आपमें इतना धैर्य है या नहीं , यह आप पर निर्भर करता है। 

मैंने अपने बिज़नेस की शुरुआत से उसके ब्रेक इवन पॉइंट तक उसमे हमेशा इन्वेस्ट किया। जब तक उसको थोड़े पैसो की जरूरत थी तो अपनी लगभग सारी सैलरी में उस पर लगा देता। लगभग सारी सैलरी का मतलब कि केवल बहुत ही जरूरी चीज़ो के लिए पैसा बचा कर अपना 90% पैसा में अपने बिज़नेस पर लगा देता था। 

मैंने अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में पैसो की बहुत ही किलत देखी है। मेरे खर्चे बहुत ही कम थे , एक बहुत ही साधारण से जिंदगी जीने वाला इंसान हूँ मै। और बहुत कम में गुजारा कर सकता हूँ पर फिर भी एक एक रूपये के लिए मैंने अपने आप को संघर्ष करते हुए देखा है केवल इस लिए कि मै बिना सोचे समझे अपने बिज़नेस पर पैसा लगाता जा रहा था। 

आज पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे अपने द्वारा लिए कुछ अच्छे फैसलों से वो लगता है जिसने मुझे अपना बिज़नेस स्थापित करने में मद्द्त की। 

मै यह नहीं कह रहा कि आप भी अपना सारा पैसा एक जगह इन्वेस्ट करो। मेरे कहने का मतलब है कि जब आपको किसी चीज़ की समझ होती है और आपको पता होता है कि आप सही जगह इन्वेस्ट कर रहे है। चीज़े आपके नियंत्रण में है तो आप इन्वेस्ट कर सकते हो। 

मुझे फ्रैंचाइज़ी मार्केटिंग में फार्मास्यूटिकल में 7 साल का अनुभव था। मुझे पता था कि मै कैसे कस्टमर ढूंढ सकता हूँ और मुझे जिंदगी में यहाँ रिस्क लेना ही था पर वो कॅल्क्युलेटेड रिस्क था। पूरी जानकारी पर आधारित। 

लेकिन दिक्क्त तब होती है जब हम बिना ज्ञान की जगह पर इन्वेस्ट करने जाते है। 

इन्वेस्टमेंट का मतलब लोगो को लगता है कि शेयर मार्किट में पैसा लगाना, प्रॉपर्टी खरीदना, म्यूच्यूअल फण्ड खरीदना, क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाना इत्यादि होता है। उन्हें ऐसा इसलिए लगता है क्यूंकि उनको यह ही दिखाया या समझाया जाता है। 

95% से ज्यादा लोग जो इन उप्पर कही गयी चीज़ो में इन्वेस्ट करते है उनको उसका बिलकुल भी ज्ञान नहीं होता और वो अपना पैसा गवा देते है। 

एक बार एक चर्चा में स्टार्ट-उप इंटरप्रेन्योर को मै यही समझाने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने अपना आयुर्वेदिक स्टार्ट-उप शुरू किया था और अब उनका मन बिटकॉइन में पैसा लगाने के लिए मचल रहा था। क्यूंकि उनको लगता है कि एक साइड इनकम का सोर्स बन जायेगा। 

अपने बिज़नेस में पैसा लगाना भी एक इन्वेस्टमेंट होती है और वो इसको समझ नहीं रहे थे। 

मैंने उनको अपनी गणना समझाने की कोशिश की। 

मैंने 50000 अपने पिता जी उधार लेकर तीन प्रोडक्ट बनवाये थे। वो एक तरह से मेरी पहली इन्वेस्टमेंट थी अपने बिज़नेस में। 

चीज़े आसान नहीं थी और बिज़नेस ज्यादा इन्वेस्टमेंट चाहता था। जो था वो चल नहीं रहा था और जो नहीं था उसकी डिमांड थी यानि पहले की हुए इन्वेस्टमेंट के बावजूद नयी इन्वेस्टमेंट। 

हर बार निर्जीव बिज़नेस को फिर से जिन्दा करने के लिए और पैसो की जरूरत होती जब भी कोई नयी उम्मीद जागती यानि क्लाइंट मिलता। 

तीन साल की लगातार इन्वेस्टमेंट बिना किसी वापिसी के। जहाँ भी में मैदान छोड़ देता अब तक कि सारी इन्वेस्टमेंट मै खो देता। यही मेरी जिंदगी भर की कमाई ज़ीरो थी। 

वो मेरा इन्वेस्टमेंट का  एक रूप था। मुझे नहीं पता था कि मै कामयाब होऊंगा या नहीं पर मुझे पता था कि मै अपनी इन्वेस्टमेंट कहां और क्यों कर रहा हूँ। इन्वेस्टमेंट में पैसा गवाने की सम्भावना यहाँ भी उतनी ही थी पर यह कुछ ऐसा था जो मेरी पहुँच में था। उस पर मेरा नियंत्रण और किसी भी इन्वेस्टमेंट में होने वाले नियंत्रण से ज्यादा था। 

आज अगर return on investment (ROI) की बात करे तो वो कहीं सौ गुना बैठती है। 

आपका बिज़नेस भी एक इन्वेस्टमेंट है। यह वो इन्वेस्टमेंट है जिसमे आपके पैसे की साथ साथ आपके ज्ञान और मेहनत की भी जरूरत होती है। 

किसी भी प्रकार के इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से सबसे अच्छा विकल्प ढूंढ़ना और बाकि सबको न करना बड़ा जरूरी है। 

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