बहुत बार हम केवल इस लिए असफल होते है क्यूंकि हम कंफ्यूज होते है।

बहुत बार हम केवल इस लिए असफल होते है क्यूंकि हम कंफ्यूज होते है। हमे नहीं पता होता है क्या ज्यादा महत्वपूर्ण है और किस को हम नजरअंदाज कर सकते है। 

मैंने बहुत बार देखा है कि लोग बहुत ही कंफ्यूज होते है अपने करियर के बारे में , अपने बिज़नेस के बारे में या उनको आगे क्या करना है। उनको कोई रास्ता अगर मिल भी जाता है तो भी वो उसके बारे आशंकित होते है कि यह कामयाब होगा भी या नहीं होगा और वो उस रास्ते पर भी पूरी तरह से ध्यान नहीं लगा पाते। 

और यहीं पर सबसे मुख्य गलती हो जाती है। हो सकता है कि वो सही हो और किसी न किसी तरीके से वो कामयाब हो भी जाये पर यह कन्फूशन उन्हें कहीं भी लेकर नहीं जाती। 

चलो हम एक उदहारण लेकर चलते है - आपको किसी भी मंजिल पर जाना है और आपको रास्ता नहीं पता। आप किसी तरह रास्ते का पता करते हो और उस पर चल देते हो। पर आप कंफ्यूज रहते हो। कभी आप सोचते हो कि यह रास्ता सही है या नहीं। 

कुछ दुरी चल कर आप अपना रास्ता बदल लेते हो। फिर थोड़ी दुरी के बाद फिर कंफ्यूज हो जाते हो। तो यह चीज़ आपको कही लेकर नहीं जाएगी और आखिर में आप रास्ते को दोष देकर कोशिश करना ही छोड़ दोगे। 

अगर आप केवल एक ही रास्ते पर चलते हो तो आप कहीं न कही जरूर पहुंचते हो। अगर मान भी लेते है कि रास्ता गलत था और किसी दूसरी मंजिल पर पहुँच जाते हो तो भी कहीं न पहुँचने से ज्यादा अच्छा कहीं न पहुंचना है। और जिंदगी को एक असफल व्यक्ति की नजर से देखना है। 

जिंदगी का फैसला किसी जगह के रास्ते चुनने से ज्यादा आसान है। आपको केवल यह फैसला करना है कि आपको कौन सा रास्ता चुनना है और फिर उस पर अडिग रहना है बिना यह सोचे कि उसपर सफल हो पाएंगे या नहीं। 

जिंदगी में सफलता की कोई गरंटी नहीं दे सकता। पर कन्फूशन सफलता की राह को मुश्किल कर देता है और एक चीज़ को चुन कर उसका पीछा करना सफलता के मौके को कई गुना बढ़ा देता है। 

मैंने जिंदगी में खुद के बिज़नेस में आने का फैसला किया। मेरे पास कुछ भी नहीं था यहाँ तक की उम्मीद भी नहीं। पर फैसला करना और किसी भी बुरी से बुरी परिस्थति के लिए तैयार रहना सफलता के प्रतिशत को 99.9 तक ले आती है। 

मै बिज़नेस के लिए अपना सारा भविष्य दांव पर लगा चूका था। अगर बिज़नेस शुरू नहीं कर पता तो मै जॉब के लिए भी स्ट्रगल कर रहा होता पर मैंने एक चीज़ को चुना और अपने फैसले पर अडिग रहा। बुरे से बुरे दौर से गुजरा पर मेरा फैसला फिर भी नहीं बदला। 

ऐसा ही होता है। आप हार के सिरे तक पहुँच जाते हो पर आप अपने मन में फिर भी जीत को ही देख रहे होते हो क्यूंकि आप अगर यहाँ हारते हो तो फिर आप खत्म हो चुके होते हो। खुद की नजरो में, समाज की नजरो में और अपने परिवार की नजरो में। 

जीतना ही आपकी आखिरी मंजिल होती है। आप उस चीज़ के लिए अपना सबकुछ लगा देते हो। आपको कुछ नजर नहीं आता जब तक कि आप जीत नहीं जाते। 

और यह सब होता है क्यूंकि आप कंफ्यूज नहीं हो। आपके पास अपना एक रास्ता है और आपको किसी भी कीमत पर उसको नहीं बदलना है चाहे बार बार आप उस रास्ते से दूर धखेले जाते हो ,हजार मुश्किलें आपके रास्ते में आती है पर आप चलते जाते हो बिना यह परवाह किये कि मंजिल कितनी दूर है या आप कभी वहां पहुँच पाओगे भी या नहीं। 

और एक दिन आपको लगता है कि यह जिंदगी कन्फूशन भरी जिंदगी से अच्छी है और आप चाहे जहाँ हो पर आप कंफ्यूज लोगो से तो अच्छे हो।  

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