पांच स्किल्स जो जरूरी है अगर आप इंटरप्रेन्योर बनना या बिज़नेस शुरू करना बनना चाहते है
ऐसी कौन सी स्किल्स होती है जो किसी भी इंटरप्रेटर के लिए बहुत जरूरी होती है
आज मैं बात करूंगा 5 ऐसी स्किल्स के बारे में जो बहुत जरूरी है अगर आप इंटरप्रेन्योर बनना चाहते हो अपना नया स्टार्ट-उप शुरू करना चाहते हो तो।कम्युनिकेशन स्किल
जो सबसे पहली स्किल है वह है आपकी कम्युनिकेशन स्किल। यहां पर कम्युनिकेशन से मेरा मतलब किसी पर्टिकुलर लैंग्वेज से नहीं है कि आपकी इंग्लिश अच्छी होनी चाहिए, हिंदी अच्छी होनी चाहिए, कोई भी लैंग्वेज आपकी अच्छी होनी चाहिए।
कम्युनिकेशन से मतलब यह है कि जो आप स्टार्ट अप करना चाहते हो, जो आपके पास प्रोडक्ट है ,जो आपके पास सर्विस है।ऑनलाइन है या ऑफलाइन है, कुछ भी है, उसको अब किस तरह से कम्यूनिकेट कर पाते हो। आपको कम्युनिकेशन कि वह स्किल सीखनी पड़ेगी, चाहे आप उसको written फॉर्म में करो, चाहे इसको वीडियो फॉर्म में करो, चाहे आप उसको ऑडियो फॉर्म में करो, इंफोग्राफिक फॉर्म में करो।
किसी भी फॉर्म में करो, आपको यह पता होना चाहिए कि कैसे आप अपनी जो सर्विस है, अपना उस प्रोडक्ट है, उसको अपने कस्टमर तक कैसे कम्यूनिकेट करोगे।जब तक आपके पास कम्युनिकेशन स्किल नहीं है तब तक आप अपनी एंट्रेप्रेन्योरशिप जर्नी में कामयाब नहीं हो सकते।
सबसे पहले जब मैं अपनी लाइफ को रिमाइंड करता हूं कुछ, तो मेरी कम्युनिकेशन स्किल थी वह मेरा ब्लॉग था।
मैं अपने ब्लॉग के द्वारा लोगों तक पहुंच पाया, उनको समझाया कि मैं क्या करता हूं, क्या जानता हूं, कितनी नॉलेज है और उसी के द्वारा, उसी कम्युनिकेशन के बलबूते पर मैंने अपने इंटरप्रेन्योर शिप को यहां तक खड़ा किया
मद्द्त मांगना
जो दूसरे नंबर पर यहां पर बात करते हैं - asking फॉर हेल्प।
हम human नेचर के हिसाब से हमारी जो नॉलेज होती है हमारी जो स्किल होती है वह लिमिट होती है और हमे एक पर्टिकुलर डिपार्टमेंट की नॉलेज होती है, यहां हमे सेल्स की नॉलेज या हमे मार्केटिंग की नॉलेज है या हमे मैन्युफैक्चरिंग की नॉलेज है या हमे अकाउंट की नॉलेज है, एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज है।
एक या दो स्किल हो सकती है या ज्यादा हो सकती हैं लेकिन फिर भी अगर आपको इंटरप्रेन्योर बनना है तो आपमें बहुत सारी चीजों की आपको नॉलेज होना, एक्सपीरियंस होना जरूरी है।
तो वहां पर जो चीज काम करती है, क्योंकि हर चीज आपको नहीं पता होती तो वहां पर जो आपकी स्किल काम करती है वह आप अगर किसी से मदद मांग सकते हो।
क्यूंकि जैसे-जैसे आप इस इंटरप्रेन्योर में बढ़ते हो तो आपको पहले से ही स्थापित बिज़नेस के साथ, चाहे वह आपका वेंडर है या चाहे आपका प्रतियोगी है, उनके साथ आपका कनेक्शन मिलता रहता है।
तो उनसे आपको सीखना है उनसे आपको पूछना है जो आपको नहीं पता है, जहां पर आप रुक जाते हो कि उस चीज को कैसे करोगे तो आपको अपने सीनियर से, जो पहले बिजनेस में है चाहे वह आपके प्रतियोगी भी है लेकिन अगर आप किसी से हेल्प के बारे में पूछोगे, किसी से आप यह पूछो कि आप कोई चीज नहीं कर पा रहे हो।
उसको कैसे करूं वह तो वह जरूर आपकी वहां पर मदद करेगा, तो यह भी बहुत बड़ी स्किल है।
अगर आप मदद नहीं मांग सकते तो आपके लिए यह सफर बहुत मुश्किल हो जाएगा क्योंकि हर चीज को सीखने के लिए आपको बहुत टाइम वहां पर देना पड़ेगा लेकिन अगर कोई उस काम को पहले कर चुका है और आपने उस से वह मदद मांगी उससे वह सिखने की कोशिश की तो आप उसको जल्दी कर पाएंगे।
इसलिए इसको हमने दूसरे नंबर पर रखा है।
अपने सफर में मैंने मेरे वेंडरों से सीखा - कैसे पेमेंट को कंट्रोल करना है, कैसे किसके लिमिट बाँधनी है, कैसे अपने फाइनेंस को मैनुपुलेट करना है, कैसे इसको मैनेज करना है क्योंकि यह सब चीजें मेरे को नहीं आती थी।
मैं कम्यूनिकेट अच्छा कर सकता था मार्केटिंग में मेरा अच्छा हाथ था मेरे को टेक्निकल नॉलेज ज्यादा थी लेकिन फाइनेंस कैसे मैनेज करना है।
कैसे सारी चीजों को, अपनी पार्टी पर कितना पैसा लगाना है, यह सब चीजें मैंने बाहर से सीखी, पूछ पूछ कर सीखी है या उनको देख देखकर सीखी की है तो आपको भी हमेशा मदद दुसरो से मांगने के लिए तैयार रहना चाहिए
सेल्स और मार्केटिंग की नॉलेज
तीसरे नंबर पर आते हैं वह सेल्स और मार्केटिंग की नॉलेज।
आपके पास कितना भी अच्छा प्रोडक्ट है कितना भी बेस्ट आईडिया आपके पास है।
लेकिन अगर आपमें सेलिंग स्किल नहीं है, मार्केटिंग स्किल नहीं है तो आप कभी भी इंटरप्रिन्योरशिप में कामयाब नहीं हो सकते क्योंकि इंटरप्रेन्योर शिप एक बिजनेस है और बिजनस में अगर आप कुछ नहीं बेचोगे, कोई आपका चीज नहीं खरीदेगा तो वह नहीं चल सकता है।
यह सेल्स ही एकमात्र बिजनेस में ऐसी चीज़ होती है जो रेवेनुए पैदा करती है। चाहे वह स्माल स्केल इंडस्ट्री की बात करते हैं, चाहे हम बहुत बड़ी इंडस्ट्री की बात करते हैं तो सेल्स ही ऐसी चीज होती है जो आपके लिए रेवेनुए पैदा करती है और सारे डिपार्टमेंट तो एक्स्पेंसेस में ही आते है अगर आप अकाउंट पॉइंट ऑफ़ व्यू से रखते हैं।
तो सेल्स की नॉलेज होना, मार्केटिंग की नॉलेज होना आपके लिए बहुत जरूरी है अगर आप एंट्रेप्रेन्योरशिप में कामयाब होना चाहते हो तो।
SEO और डिजिटल मार्केटिंग
चार नंबर पर हम बात करते हैं SEO और डिजिटल मार्केटिंग की।
चाहे आप ऑफलाइन प्रोडक्ट है, चाहे आप ऑनलाइन प्रोडक्ट है लेकिन आज के टाइम में अगर आपको कामयाब होना है तो आपको SEO की और डिजिटल मार्केटिंग की नॉलेज होना बहुत जरूरी है।
हो सकता है कि आप किसी बाहर की SEO और डिजिटल मार्केटिंग की बहुत सारे एजेंसियां आपको मिल जाएगी।
हो सकता है कि आप बाहर से ही किसी को हायर कर लो लेकिन क्या है कि हायर में बहुत ही ज्यादा मैंने एक चीज़ देखी है कि वह जितनी भी एजेंसियां होती है वह आपकी वेबसाइट पर काम करना पसंद नहीं करती है।
वो पर्टिकुलर आपके कंपनी के लिए अलग वेबसाइट क्रिएट करेगी, वह कॉन्टैक्ट फॉर्म को अपने कंट्रोल में रखेगी, उस वेबसाइट को डोमेन नेम को अपने कंट्रोल में रखने की कोशिश करेगी क्योंकि जब भी कभी आप उनसे हाथ खींचते हो या किसी दूसरी एजेंसी को आप हायर करने की कोशिश करते हो तो वह सारा कंट्रोल अपने हाथ में चाहते हैं ताकि आप इतनी जल्दी उनसे नहीं जा सको।
तो आपको बेसिक नॉलेज SEO की होना जरूरी है। मैं नहीं कहता कि आपको SEO और डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट होना जरूरी है लेकिन बेसिक नॉलेज, इतनी नॉलेज आपको SEO और डिजिटल मार्केटिंग की होनी चाहिए कि आप अपने स्टाफ को ट्रैन कर सको।
आप उसके लिए जब स्टाफ रखो तो उनको बता सको। तो पर्टिकुलर या तो आपको खुद वह gain करनी है या अपने स्टाफ को वह सब कुछ सीखना है क्योंकि शुरुआत में हो सकता है कि आप SEO एजेंसी और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी के द्वारा आप अपनी कंपनी को प्रमोट कर सको।
लेकिन long-term स्ट्रेटजी के लिए आपके पास या तो खुद कि नॉलेज होना जरूरी है या आपके पास वो डिपार्टमेंट आपको बनाना है या अपना स्टाफ उसी तरह से ट्रैन करना है कि उनको SEO और डिजिटल मार्केटिंग की बेसिक नॉलेज तो कम से कम हो।
क्यूंकि क्या होता है जब आप ऑफलाइन भी प्रोडक्ट आज के टाइम में बेचना चाहते हो तो कहीं ना कहीं आपका कस्टमर आपके ऑफलाइन जो प्रोडक्ट है उसके साथ आपकी ऑनलाइन प्रजेंस को भी देखना पसंद करता है और जितना ज्यादा आप उसको ऑनलाइन यह महसूस करा सकते हो कि आप एक बेस्ट कंपनी हो, better कंपनी को उतने ही ज्यादा चांसेस है कि वह आपका एक लॉयल कस्टमर बन जाएगा, उसकी रिपीट डिमांड आप पर आने की संभावना रहती है
धैर्य और अनुशाशन
पांच नंबर पर जिस स्किल कि हम बात करते हैं वह है - धैर्य और अनुशाशन।
आपमें ऊपर वाली चार स्किल है लेकिन अगर आपके पास धैर्य नहीं है आपके पास अनुशाशन नहीं है तो आप इंटरप्रेन्योर शिप में कामयाब नहीं हो सकते।
धैर्य की अगर हम डेफिनेशन की बात करते हैं तो धैर्य क्या होता है कि हमने टाइम को पास होने देना है।
एक्चुअली हमने एक काम कर लिया, हमने एक प्रोडक्ट बना लिया है, हम उसकी मार्केटिंग कर रहे है, हम सेल्स पर ध्यान दे रहे हैं, हम नए नए कस्टमर से मिल रहे हैं, हम लोगों तक अपनी बात को पहुंचा रहे हैं, अपने आपको को कम्यूनिकेट कर रहे हैं तो बहुत सारी चीजें है।
लेकिन क्या है कि अगर अपने धैर्य नहीं है, आप उस चीज को टाइम नहीं दे रहे हो, टाइम पास नहीं कर रहे हो उसके साथ-साथ। क्योंकि आप को टाइम को गुजरने देना है।
धैर्य एक्चुअली यही होता है कि हमने टाइम को गुजरने देना है क्यूंकि जो चीज़ टाइम के साथ होगी वह तो टाइम के साथ ही होगी।
ऐसा नहीं है कि आप अकेले हो, मार्केट में अगर आप अकेले होंगे तब भी लोगों को समझाने में टाइम लगेगा कि यह प्रोडक्ट उनको क्यों चाहिए।
अगर आप किसी ऐसे प्रोडक्ट को लेकर आए हो जो पहले ही मार्किट में तो उसके बहुत सारे कॉम्पिटिटर होंगे तो ऐसा नहीं है कि कोई आपका जो कस्टमर है वह दूसरों को छोड़कर आपका ही यूज करना शुरू कर देंगे।
सारे लोग आपका ही प्रोडक्ट यूज करना शुरू कर देंगे तो उसमें टाइम लगेगा, एक विश्वास बनने में टाइम लगेगा, आपकी रेपुटेशन बनने में वहां पर टाइम लगेगा।
तो आपको धैर्य की बड़ी जरूरत है।
यहां पर अनुशाशन से मेरा मतलब है कि जो चीज़ आप कर रहे हो उसको आपको रेगुलर बेसिस पर करना है।
ऐसा नहीं है कि आप एक कस्टमर से आज मिले, उसके बाद आप 6 महीने तक उससे नहीं मिले या आज आपने एक आर्टिकल लिखा, एक वीडियो बनाया फिर 6 महीने तक आपने उसको बनाया ही नहीं है।
आपने आज कम्यूनिकेट करने की कोशिश की है, उसके बाद आपने उस चीज को छोड़ दिया तो आपको इसको रेगुलर बेसिस पर करना है आपको डेली बेसिस पर, वीकली बेसिस पर, मंथली बेसिस पर जो भी आपका रुटीन है आपको एक अनुशाशन बनाकर चलना है।
एक टाइम अपने आप को देना, आपने स्टार्ट उप को देना है तो उस डिसिप्लिन के सहारे ही आपका कामयाब हो सकते हो तो धैर्य और अनुशाशन भी उतना ही जरूरी है।
क्योंकि अगर आप में यह स्किल नहीं हुई, आप में धैर्य नहीं हुआ अब डिसिप्लिन मेन्टेन नही कर पाए तो अब कितने भी अच्छे हो पहली चार स्किल में तो फिर भी आप कभी कामयाब नहीं हो सकते।
क्योंकि आप फिर बीच में ही छोड़ दोगे अगर आपने डिसिप्लिन मेन्टेन नहीं किया तो आपको लगेगा कि नहीं-नहीं मै इतनी मेहनत कर रहा हूँ और फिर भी यह नहीं हो रहा वह नहीं हो रहा लेकिन क्या है कि आप आप उसको कंसिस्टेंसी नहीं कर रहे हो, आप उसको लगातार नहीं कर रहे हो।
इसलिए डिसिप्लिन मेन्टेन नहीं कर पा रहे हो तो आप उस पर कभी भी कामयाब नहीं हो सकते।
सार
तो यह पांच स्किल्स है।
जरूरी नहीं है, इसके अलावा भी और भी बहुत स्किल है और ऐसा नहीं है कि यह आपके अंदर ही है या यह जन्मजात होती है।
यह आप सीख सकते हो। इन सब चीजों को आप अपने अंदर डेवेलोप कर सकते हो। आप मोटिवेशनल स्पीकर को सुन सकते हो या कोई कोर्स कर सकते हो इससे रिलेटिड या आप अपने आस-पास के लोगों को देख सकते हो जिन्होंने इस सफर को तय किया है, उनकी जिंदगी से आप सीख सकते हो।
तो बहुत सारी चीजें है आप इनको अपने अंदर पैदा कर सकते हो और अपने बिजनस में कामयाब हो सकते हो और पनी इंटरप्रेन्योर सफर में आप यहां पर कामयाब हो सकते हो।
अगर आपको भी लगता कि कोई ऐसी स्किल है जो इंटरप्रेन्योर बनने के लिए बहुत जरूरी है तो आप कमेंट में लिखकर जरूर बताइएगा
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