पांच स्किल जो इंटरप्रेन्योर बनने के लिए बहुत जरूरी है ?

सीखना हमारी ग्रोथ का इम्पोर्टेन्ट पार्ट होता है हमारी लाइफ का इंपोर्टेंट पार्ट होता है जब भी हम सीखना बंद कर देते हैं वहीँ से हमारी ग्रोथ रुकना शुरू हो जाती है। 

हाय गाइस मै हूँ अजय  कंबोज और आज मै ऐसी पांच स्किल के बारे में बात करूंगा जो बहुत जरूरी अपनी पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए भी और अगर बिजनेस में आना चाहते हो तो भी जरूरी है और अगर आप बिजनेस में हो तो वह होना आपके लिए जरूरी है आपके बिजनेस ग्रोथ के लिए। 

ग्राफ़िक डिजाइनिंग

जो पहले स्किल की बात करता हूं वह है ग्राफ़िक डिजाइनिंग। 

अगर मै ग्राफ़िक डिजाइनिंग की बात करता हूं, अपनी लाइफ को रिमाइंड कर के देखता हूं तो ग्राफिक डिजाइनिंग मेरे लिए वह पहले स्किल थी जिसने मेरी लाइफ को चेंज किया। 

एक्चुअली जब मैंने बिजनेस के बारे में सोचा था तो उसके लिए मेरे को logo की जरूरत थी मेरे को इमेजेस की जरूरत थी मेरे को visual aids की जरूरत थी, मेरे को प्रमोशन मटीरियल की तो कम से कम जरूरत थी। 

प्रोडक्ट तो जब आने थे तब आ जाते हैं लेकिन इन चीजों की मेरे को जरूरत थी तो जो मेरी पहली स्किल थी कि वह Corel मैंने सीखा। 

corel एक्चुअली ग्राफ़िक डिजाइनिंग का ही एक पार्ट होता है एक सॉफ्टवेयर होता है क्यूंकि ग्राफिक डिजाइनिंग में काफी टूल्स इंक्लूड होते हैं उनमें फोटोशॉप होता है corel होता है और भी बहुत सारे टूल्स होते हैं तो बेसिक नॉलेज मैंने एक्चुअली उसकी वहां पर ली थी। 

मैंने कोरल सबसे पहले सीखा और मैंने ELZAC का logo तैयार करने के लिए ही बेसिकली मैंने corel सीखा था और सबसे पहले मैंने उस पर दो या  3 महीने मैंने उस पर बिताए अपने logo को क्रिएट करने के लिए।  

मेरे मन में कांसेप्ट था कि मेरे को इस तरह का logo चाहिए तो उसी तरह के लोगों क्रिएट करने में मैंने दो तीन महीने ही गुजारे और वहां गुजारते -गुजारते में corel सीख गया था। बेसिक नॉलेज मैंने उसकी ले ली थी। 

तो कोरल एक ऐसी चीज है जिसमें जितनी भी फार्मा कंपनियां हैं, कॉस्मेटिक कंपनियां हैं, आयुर्वेदिक कंपनियां हैं या दूसरे सेक्टर की कंपनी भी है। 

जितने भी बॉक्स के डिजाइनिंग होते हैं, विजुअल डिजाइनिंग होते है प्रमोशन मटेरियल डिजाइनिंग होते है लेबल डिजाइनिंग होते हैं वह बसीकली corel में ही करते है, corel draw में ही वह सब कुछ करते हैं। 

तो अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हो या अभी आप बिज़नेस कर भी रहे हो या तो आपके पास फिर स्टाफ होना चाहिए जिसको ग्राफिक डिजाइनिंग की नॉलेज हो या अगर नए बिजनेस हो आपके पास इतना धन नहीं है कि आप स्टाफ को रख सको तो आपके पास ग्राफिक डिजाइनिंग की स्किल सबसे पहले स्किल है जो आपको सीखनी चाहिए। 

और ऐसा नहीं है कि इसको सीखने के लिए आपको किसी बाहर की ट्रेनिंग की जरूरत है आप आसानी से इसको सीख सकते हो, अपने स्पेयर टाइम में इसको सीख सकते हो, रोज आप आधा या एक घंटा आप कोरल में सीख सकते हो। 

बस यह चीज है कि आपके मन में एक कांसेप्ट होना चाहिए और उस कांसेप्ट पर जैसे-जैसे आप काम करोगे आपको क्या-क्या करना है उसके बारे में पढ़ते रहोगे, YouTube पर बहुत सारे वीडियो है कोरल के तो उनको देखते रहोगे तो आप इसको आसानी से आप सीख जाओगे। 

उसके बाद आप छोटे-छोटे जो काम है वह आप आसानी से अपने डिजाइनिंग purpose को पूरा कर सकते हो। 

कंटेंट क्रिएशन 

दूसरी स्किल की जो बात करता हूं वह कंटेंट क्रिएशन। 

आज हम जिस युग में है वह कॉन्टेंट क्रिएटर का ही युग है। आप जितनी अच्छी तरह कंटेंट क्रिएट कर सकते हो आपके नया बिज़नेस develop करने के और existing बिजनेस को ग्रोथ करने के चांस उतने ही ज्यादा बढ़ते रहते हैं। 

कंटेंट क्रिएशन मैं यह नहीं होता कि आपको केवल वीडियो ही बनाना है अगर आप कैमरे के सामने अच्छे नहीं हो तो आप ब्लॉग्गिंग कर सकते हो, आप पॉडकास्टिंग कर सकते हो, आप इन्फो ग्रैफिक के द्वारा अपने मैसेज को पहुंचा सकते हो तो कंटेंट क्रिएशन में बहुत सारी चीजें आ जाती। 

ब्लॉग लिखना आ जाता है, वीडियो क्रिएशन आ जाता है, पॉडकास्टिंग आ जाती है, इन्फो फोटोग्राफी आ जाती है तो आप किसी भी तरीके में कांटेक्ट क्रिएट कर सकते हो और अपने आपको अपने बिज़नेस के नाम को और अपनी नॉलेज को लोगों तक पहुंचा सकते हो तो इससे कहीं ना कहीं आपको नया बिजनेस बनाने में और अपने एक्जिस्टिंग बिजनेस को ग्रोथ करने में मदद मिलेगी। 

कंटेंट क्रिएशन मेरी दूसरी स्किल थी जो मैंने सीखी थी। पहले मैंने corel सीखा उसके बाद मैंने ब्लॉगिंग सीखी और ब्लॉग्गिंग और corel दोनों का मिक्स एक ऐसी चीज़ थी जिसने मेरे को एक नया रास्ता दिया और जिसको मैं कभी सोच भी नहीं सकता था उस मुकाम पर मेरे को पहुंचने का रास्ता इन्होंने दिखाया। 

और मेरे सफर को इन्होने बहुत हद तक आसान बना तो दूसरी स्किल जो आपके लिए जरूरी है अगर आप बिजनेस सेट अप करना चाहते हो या ग्रोथ करना चाहते हो बिजनेस में तो वह है कंटेंट क्रिएशन। 

मार्केटिंग

तीसरी स्किल की अगर हम बात करते हैं तो वह मार्केटिंग।  

किसी भी बिजनस की ग्रोथ के लिए या अगर आपको अपने नए बिजनेस को लोगों तक पहुंचाना है उसके लिए कस्टमर ढूंढ़ने हैं तो जो सबसे मेन जो इंपोर्टेंट चीज होती है वह होती है मार्केटिंग। 

अब मार्केटिंग के नए नए टैक्टिक होते है  एक ट्रेडिशनल मार्केटिंग भी होती है जिसमें TV वगैरह  न्यूज़पेपर वगैरह यह सब आ जाते हैं जो एक्चुअली एक नए बिजनेस के लिए बहुत कोस्टली हो जाते हैं और दूसरा ऑनलाइन मार्केटिंग हो जाती है। 

तो आपको दोनों ही तरीके सीखने की जरूरत है बसीकली अगर आप इजीली आज के टाइम में लोगों तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग भी काफी इम्पोर्टेन्ट है। 

बहुत सारे आर्टिकल और बहुत सारे वीडियो अवेलेबल है फ्री ऑफ कॉस्ट YouTube पर और वेबसाइट पर जिनको पढ़कर आप मार्केटिंग के बारे में सीख सकते हो। 

अलग अलग तरीके सीख सकते हो जिनसे आप अपने बिजनेस को प्रमोट कर सकते हो, अपनी वेबसाइट को प्रमोट कर सकते हो। 

आपको कंटेंट मार्केटिंग सीखने की जरूरत है जो कंटेंट, आपने कंटेंट क्रिएशन में बनाये थे या corel का उपयोग करके भी आप बहुत सारे कांटेक्ट क्रिएट कर सकते हो, फोटोशॉप का उपयोग करके भी बहुत सारा कंटेंट क्रिएट कर सकते हो तो उनको कैसे प्रमोट करना है। 

कैसे कंटेंट मार्केटिंग करनी है वह आप सीख सकते हो। आप ईमेल मार्केटिंग सीख सकते हो आप एडवरटाइजिंग सीख सकते हैं या ब्रांडिंग पर कैसे ध्यान देना है, वह आप सीख सकते हो। 

तो इन सब चीजों को भी आप अपने पार्ट टाइम में सीख सकते हो, स्पेयर टाइम में सीख सकते हो। इन सब चीजों को सीखने के लिए आपको ज्यादा टाइम देने की जरूरत नहीं है अब अगर दिन में आधा या एक घंटा भी इन सब चीजों को दोगे तो भी आप छह महीने या साल में बहुत अच्छी नॉलेज gain कर लोगे और जब उनको प्रैक्टिकल भी साथ साथ करते रहोगे। 

क्योंकि केवल पढ़ने से काम नहीं चलेगा, उन चीजों के बारे में और सीखने से काम नहीं चलेगा आपको उनको इंप्लिमेंट भी करके देखना है उनको इंप्लिमेंट भी करते रहना है, जैसे जैसे आप इंप्लिमेंट करते रहोगे तो आप बहुत ही ज्यादा डिफरेंस खुद की पर्सनालिटी में भी पाओगे और आप अपने बिजनेस की ग्रोथ में और अपने बिजनेस की पहुँच में भी बहुत ज्यादा डिफरेंस पाओगे। 

तो जो थर्ड स्किल है जो आपको सीखने की जरूरत वो है मार्केटिंग।

सेल्स

चार नंबर पर स्किल की बात करते हैं वह है सेल्स। 

हो सकता है आप मार्केटिंग में बड़े परफेक्ट हो जाओ लेकिन जब तक आप अपने prospect को कस्टमर में कंवर्ट नहीं करोगे, पेइंग कस्टमर में कंवर्ट नहीं कर सकते तब तक आपके सारे एफर्ट फेल है। 

क्योंकि सेल्स ही एक ऐसा पार्ट होता है जो बिजनेस के लिए, किसी भी बिजनेस के जीवित रहने के लिए बहुत जरूरी होता है, उसके लिए राजस्व जनरेट करता है, इनकम जनरेट करता है, उसको जीवित रहने के लिए पैसा देता है इसके अलावा मार्केटिंग और सेल्स बहुत ही डिफरेंट होते हैं। 

बहुत आस्पेक्ट तक वो कॉमन भी होते हैं लेकिन मार्केटिंग एक बैकहैंड प्रोसेस होता है। सेल्स एक फ्रंट हैंड प्रोसेस होता है। मार्केटिंग में आप दरवाजे के पीछे से लोगों को अपने बारे में बताते हो लेकिन ऐसा नहीं है कि आप जितना अच्छा अपने आपको बताने में जितना अच्छा फील करते हो उतना ही आप कस्टमर के सामने खड़े होकर उसको convince करने मैं फील करते हो। 

तो सेल्स सीखना भी बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आप अपने कस्टमर को convince नहीं कर सके पेमेंट करने के लिए या पेइंग कस्टमर बनने के लिए, आपका प्रोडक्ट खरीदने के लिए, आपकी सर्विस खरीदने के लिए तो आपके सारे एफर्ट यहाँ पर फ़ैल हो जाते हैं। 

तो सेल्स की टेक्निक सीखना भी आपके लिए बहुत जरूरी है। 

इसको भी आप अपने छुट्टी वाले दिन या अपने स्पेयर टाइम में इसके बारे में प्रैक्टिस कर सकते हो या कोई प्रोडक्ट आप ड्रॉपशिपिंग के बेसिस पर बेचने की कोशिश कर सकते हो या आप ना ही कोई प्रॉडक्ट बेचने की कोशिश कर सकते हो जिससे आप यह स्किल एक्वायर कर सकते हो। 

फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट

पांच नंबर में बात करते हैं फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट की। 

फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट एक ऐसी चीज होती है जो बसीकली हम बुक से नहीं सीख सकते हैं इसको हमें प्रैक्टिकल ज्यादा करना पड़ेगा। 

क्योंकि आपको इनवेस्टमेंट सीखने के लिए आपको शेयर मार्केट में थोड़ी थोड़ी इनवेस्टमेंट करके देखनी पड़ेगी या आपको क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट करके देखी पड़ेगी है या जिसमें भी आपको लगता है उसमें आपको। 

अगर आपको अपने प्रोडक्ट में, अपने बिजनेस में इन्वेस्टमेंट करनी है तो आपको अपने बिजनेस में इनवेस्टमेंट करके देखनी पड़ेगी क्योंकि इनवेस्टमेंट, इनवेस्टमेंट होती है चाहे उसको शेयर मार्किट में कर रहे हो चाहे अपने प्रोडक्ट पर कर रहे हो, अपने सर्विस को develop कराने में कर रहे हो। 

मैंने शेयर मार्किट की बजाए अपने प्रोडक्ट पर इन्वेस्ट करने में ज्यादा preference दी थी उस चीज को और मैं लगातार जितना भी पैसा था, थोड़ा बहुत या अपना टाइम तो उसमें इन्वेस्ट कर ही रहा था  तो आराम आराम से मैं उसको सीख गया कि कैसे पैसे को इन्वेस्ट करना है , कैसे पैसे को जो पैसा आपके पास बेच कर अपने प्रोडक्ट आ रहा है उस पैसे को कैसे रेवेस्टमेंट करना है। 

फिर टाइम टाइम के साथ जैसे फिर फुल टाइम बिजनेस में आया तो उसके बाद मै फाइनेंस को मैनेज करना भी सीख गया। दूसरों को देखकर या दूसरों से सीखे, दुसरो से पूछकर जैसे भी सिखा तो फाइनेंस को मैनेज करना भी थोड़ा-थोड़ा मैंने फिर सीख लिया। 

तो ये भी एक बहुत इंपोर्टेंट स्किल है। 

आप कितना भी पैसा कमा सकते हो। पैसा कमाना ही बड़ी बात नहीं होती लेकिन पैसे को मैनेज करना पैसे को reinvest करना उस पैसे को फिर से कमाई पर लगाना बहुत बड़ी बात होती है। 

तो बड़े-बड़े रिस्क ना लेकर छोटी-छोटी इनवेस्टमेंट, ₹500 की, हजार रुपया की, 10,000 रुपए की। जितनी भी आपकी कैपेसिटी है, उसके हिसाब से आप थोड़ा-थोड़ा इनवेस्ट करके थोड़ा फाइनेंस को मैनेज करके चाहे आप उसको प्रॉपर्टी में करो चाहे शेयर मार्किट में करो चाहे खुद के प्रोडक्ट पर करो। 

जहां पर भी अच्छा लगता है थोड़ी-थोड़ी अमाउंट, ज्यादा बड़ा रिस्क नहीं लेना है स्टार्टिंग में क्योंकि अभी आप सीख रहे हो और सीखने में थोड़ा-थोड़ा इन्वेस्ट करना ज्यादा जरूरी है जब आपको पता लगे कि कौन सा रास्ता आपके लिए ज्यादा सही है आपके पास प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने का रास्ता सही है, शेयर मार्केट में निवेश करने का रास्ता सही है या खुद के प्रोडक्ट में इन्वेस्ट करने का रास्ता सही है। 

उसी हिसाब फिर आप एक मेजर इनवेस्टमेंट करके अपना रास्ता चूज कर सकते हो तो वह बिजनेस में ग्रो करने के लिए आप या अपने बिजनेस को नया establish करने के लिए आपको फाइनेंस और इंवेस्टमेंट की नॉलेज होना भी बढ़ा जरूरी है। 

और इसके लिए आपको full टाइम वर्किंग की जरूरत नहीं है पार्ट टाइम में 15 मिनट, 20 मिनट, आधा घंटा, एक घंटा इन सब चीजों को आप दे सकते हो। 

निष्कर्ष 

और यह 5 ऐसी स्किल्स की मैंने बात करि है जो आप  आसानी से खाली टाइम में सीख सकते हो, पार्ट टाइम में सीख सकते हो और ये अगर आप इनको एक साल तक या दो साल तक या 3 साल तक आप इन पांचो स्किल्स को अपने आप में डिवैलप करोगे उसके बाद देखना आप क्या होंगे। आपकी पर्सनैलिटी क्या होगी, आपकी कैरियर में ग्रोथ क्या होगी। अगर आप बिजनेस हो तो बिज़नेस में ग्रोथ क्या होगी। 

उम्मीद करता हूं ये इनफार्मेशन आपको अच्छी लगी होगी थैंक्स फॉर रीडिंग। 

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