खुद के बिज़नेस में आना चाहते है तो ये पांच चीज़े होना जरूरी है ?

 हाय गाइस मै हूँ अजय कंबोज और आज मैं बात करूंगा पांच ऐसी चीजों के बारे में जो बहुत जरूरी है अगर आप फुल टाइम बिज़नेस में आना चाहते हो। 

मैं उन चीजों की बात नहीं करूंगा कि आपमे मोटिवेशन होना चाहिए, आप में आग होनी चाहिए, आप में डेडिकेशन होनी चाहिए। उन चीजों की बात नहीं करूंगा। 

पांच ऐसी प्रैक्टिकल चीजों के बारे में बात करूंगा जो बड़ी essential होती है अगर आप फुल टाइम इंटरप्रेन्योर शिप में आना चाहते हो। 

अगर आपके पास बहुत सारा पैसा है, आप को पैसे की प्रॉब्लम नहीं है तो फिर ये चीजें एप्लीकेबल नहीं होती। 

लेकिन अगर आप वो पर्सन हो जो अभी जॉब कर रहे हो। जिनको अभी बिजनेस स्टार्ट करना है या जो इतनी अच्छी financial बैकग्राउंड से नहीं आते और अपना बिजनेस शुरू करना चाहते है। तो पांच उन पॉइंट के बारे में बात करूंगा। 

कम से कम में गुजारा 

जो पहला पॉइंट है वह है मिनिमम लिविंग एक्सपेंस (कम से कम में गुजारा)। 

यहां पर मेरा मिनिमम लिविंग एक्सपेंस से मतलब है कि जो डेली लाइफ में जो आपके खर्चे होते हैं जो आपके मासिक खर्चे होते हैं जो आपके सालाना खर्चे होते हैं वह बिल्कुल मिनिमम होने चाहिए। 

क्योंकि जब आप जॉब छोड़ कर बिजनेस में आते हो या आपके पास इतना अच्छा फाइनेंसियल बैकग्राउंड नहीं है और आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हो तो बहुत टाइम लग जाता है बिजनेस को जीरो से लेकर उस सिचुएशन में, उस पोजीशन तक पहुंचने में जहां तक कि वह अपने खुद के खर्चे वह निकाल सके। 

आपके लिविंग एक्सपेंसेस वो निकाल सके तो उसमे बहुत बड़ा लम्बा टाइम होता है  तो इस बीच अगर आपके खर्चे बहुत कम होंगे तो आपके लिए यह सफर आसान होगा। 

आपके लिए इस पर चलना बहुत ही आसान सा आपको लगेगा क्यूंकि अगर आप यह लगाओ कि आपके खर्चे इतने  हाई-फाई है जो आपका मासिक खर्चा है वो 50000/- रुपए का 60 हजार रुपए का है आपको तो इस तरह के कपड़े पहनने है ब्रैंडेड कपड़े पहनने हैं। 

आपको तो यह करना है आपको तो वह करना है आपको तो वीकेंड पर छुट्टियां मनाने जाना है आपको तो होली डे आउट ऑफ स्टेशन मनाना है तो फिर आपके लिए यह सब चीजें बहुत मुश्किल हो जाएगा। 

उसके लिए आपके पास पीछे से financial बैक होना ज्यादा जरूरी है अगर आप यह सब कुछ भी करना चाहते हो और बिजनेस को स्थापित भी करना चाहते हो जीरो से। 

तो जो सबसे पहला पॉइंट है मेरा वह मिनिमम लिविंग एक्सपेंसेस - आपके जो डेली बेसिस के, मंथली बेसिक के, इयरली बेसिस के, जो आपके रहने के लिए आपको खर्चा चाहिए। वह बहुत ही मिनिमम होना चाहिए। 

कर्ज न होना 

दूसरे नंबर पर फर्स्ट नंबर से रिलेटेड की रहेगा NO Debt (कर्ज न होना )

आपको कोशिश करनी चाहिए कि आपके पास जितने भी debt हो वह कम से कम हो। 

आपके पास बैंक लोन ना हो, आपके पास पर्सनल लोन ना हो, आपके पास क्रेडिट कार्ड मिनिमम हो तो आपके जो यह लोन है, जो आपकी debt ratio है वह बहुत ही कम होनी चाहिए। 

क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जो मंथली एक्स्पेंसेस को इंक्रीज करता है और जब आप बिजनेस में आते हो, आपको अपने बिजनेस के लिए भी पैसा चाहिए, आपको सरवाइवल के लिए पैसा चाहिए, आपको अपने लिविंग एक्सपेंस के लिए भी  पैसा चाहिए। 

तो जो अगर आपके पास debt  होगा उसका जो इंटरेस्ट आपका जा रहा होगा और जो मंथली बेसिस पर जो पे कर रहे होंगे तो वह आपके जो मिनिमम लिविंग एक्स्पेंसेस है उनको कहीं ना कहीं बढ़ा देगा और जिससे आपका बिजनेस में लंबे टाइम तक टिके रहने का जो सफर है वह बहुत कम हो जाएगा। 

और आपकी चांसेस बहुत कम हो जाएंगे कि आप इस सफर को दूर तक ले कर जाओ। क्योंकि मैने पहले भी बात करी है कि बिजनस 20-20 गेम नहीं होती या बिजनेस कोई शार्ट टर्म चीज़ नहीं होती, एक लौंग टर्म होती है। यह मैराथन होती है, एक टेस्ट क्रिकेट की तरह होती है और जितना लंबे टाइम तक आप इसमें अपना स्टार्टिंग में टाइम दोगे या टीके रहोगे। 

उतना ही ज्यादा आपका यहां पर सक्सेस ratio बढ़ जाएगा तो आपके पास जितना भी कम हो सके उतना कम आपको अपने डेबिट को लेकर चलना है। 

सर्वाइवल स्ट्रेटेजी 

थर्ड नंबर पर बात करूंगा सरवाइवल स्ट्रेटेजी के बारे में। 

हो सकता है आपके पास इतना अच्छा बिजनेस प्लान हो, आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी अच्छी हो, आप सेलिंग में बहुत ज्यादा अच्छे हो। 

लेकिन अगर आपके पास सरवाइवल स्ट्रेटजी नहीं है तो बिजनेस का यह सफर बड़ा डिफिकल्ट हो जाता है क्योंकि आप कितनी भी अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेटजी को लेकर चलो कितने भी अच्छा बिजनेस प्लान लेकर चलो। 

कितना भी अच्छा आप में सेल्स का हुनर हो लेकिन आपको यह चीज तो सोच कर चलनी है कि एक बिजनेस को इस्टैबलिश्ड करने में आपको दो साल, 3 साल, चार साल, 5 साल, एक साल मतलब कुछ ना कुछ समय तो वहां पर लगना ही है। तो जब तक आपको बिजनेस को स्थापित करना है। जीरो से लेकर स्थापित तक आपको पहुंचना है। 

एक पॉइंट से, जीरो से one तक आपको पहुंचना है तो उसमें बीच के टाइम में आप कैसे सरवाइव करोगे, कैसे आपका बिजनेस सरवाइव करेगा। कैसे आपकी फैमिली सरवाइव करेगी। कैसे आप डेली एक्सपेंसेस निकालोगे। कैसे आप मासिक खर्चे निकालोगे। 

तो आप अपनी जिंदगी के सफर को कैसे तय करोगे। क्या आपकी वहां पर सर्वाइकल स्ट्रेटजी रहेगी तो वह बड़ी जरूरी है। 

यहां पर थर्ड पॉइंट ! यहां पर जो है वह आपकी सर्वाइकल स्ट्रेटजी। 

निष्क्रिय आय

चार नंबर पर हम बात करते हैं तो वह है आपकी पैसिव इनकम। आपकी की साइड इनकम। 

अगर आप बिजनेस के सफर में आते हो तो उसमें टाइम लगता है आपको स्थापित करने में। तो अगर आपके पास कोई न कोई की साइड इनकम होती है तो बड़ा आसान हो जाता है यह सफर आपके लिए। 

क्यूंकि जब मै बिजनेस में आया था तो मेरे को पता है कि वह कितना डिफिकल्ट टाइम होता है। आपको दिन-रात वहां पर काम करना पड़ता है लेकिन मेरे पास जो सकारात्मक चीज़ थी वो एक थी मेरी जो ब्लॉगिंग है। 

ब्लॉग्गिंग से मेरे को एक रेगुलर इनकम आ रही थी जिससे मेरे लिविंग एक्सपेंस पुरे हो रहे थे। एक तो मेरे लिविंग एक्सपेंसेस बहुत कम थे मेरे पास कोई debt नहीं था मैं ज्यादा खर्च नहीं करता हूं और ना ही मेरे ज्यादा खर्च थे उस वक़्त भी। 

तो जितना भी मेरी साइड इनकम से आ रहा था, मेरी एक पैसिव इनकम मेरे ब्लॉग से आ रही थी तो 6 महीने के लिए, साल के लिए उसने मेरे को काफी सपोर्ट किया ताकि मैं बिजनेस में, मेरे को यह महसूस ना हो कि मेरे को घर चलाने के लिए किसी एक परमानेंट इनकम की जरूरत है, एक जॉब की इनकम, एक जॉब की जरूरत है। 

मैं सर्वाइव कर सकता था क्योंकि वह मेरे को टाइम दे रहा था। मेरे घर के एक्स्पेंसेस आराम से चल रहे थे और कहीं ना कहीं उसका कुछ पैसा मैं पर्सनल यूज पर या थोड़ा-बहुत बिजनस पर भी यूज कर रहा था तो वह चीज कहीं ना कहीं आपको बहुत ही ज्यादा सपोर्ट करती है। 

तो कहीं ना कहीं आपको या तो पहले एक थोड़ा सा पार्ट टाइम बिजनेस को शुरू करना चाहिए ताकि आप जब फुल टाइम बिजनस में आओ तो आपके पास कुछ ना कुछ बिजनेस इनकम आ रही हो ताकि आपकी फैमिली से जुड़े हुए खर्चे आप के चलते रहे। 

आपके पर्सनल खर्चे चलते रहे और एक्चुअली, नहीं तो बिजनेस आपने खर्चे तो निकालते रहे। 

क्योंकि जब मैं रेंटेड जगह में आया था अपना बिजनेस लेकर तो रेंट निकालना भी बिजनेस के लिए बहुत ही डिफिकल्ट हो जाता था स्टार्टिंग में। तो वह सारे काम मेरा ब्लॉग मेरे लिए कर रहा था तो वह सफ़र मेरे लिए थोड़ा सा वहां पर आसान हो गया। 

क्योंकि मैंने दो या तीन साल अपने ब्लॉग को टाइम तो बहुत दिया था लेकिन कहीं ना कहीं उसमें वह वर्थ वहां पर पूरी कर ली थी। 

मानसिक तैयारी 

जो यहाँ पांच नंबर पर बात करेंगे वह है आपकी मेन्टल रेडीनेस। 

क्या होता है जब आप बिजनेस में आते हो तो यह कुछ ऐसा है जैसे आप स्टडी से जॉब में आते हो तो आपको यह लगता है कि आपने स्टडी में जो पढ़ा था वह बहुत लिमिट सा है, इंडस्ट्री तो बहुत बड़ी है। 

उसी तरह जब आप जॉब से बिजनेस में आते हो तो आपको लगता है कि जो जॉब वाला पार्ट था वो तो बिजनेस के मात्र एक छोटा पार्ट था यह तो आप नदी को छोड़कर एक तरह से समुद्र में आ गए हो। 

यहां पर आपको बहुत तरह की जो मानसिक परिस्थितियां है उनका सामना करना पड़ेगा। मेंटल सिचुएशन का सामना करना पड़ेगा। फाइनेंस सिचुएशन का सामना करना पड़ेगा। 

आपको  फिजिकल भी करना पड़ सकता है, आपको बहुत ज्यादा ट्रैवेलिंग भी करनी पड़ सकती है तो आपको यहां पर बहुत ऐसी चीजें हैं जिनका आपको यहां पर सामना करना पड़ेगा। 

तो सबसे इंपोर्टेंट पॉइंट यह भी रहता है कि आपको अपने आपको मेंटली प्रिपेयर करना है। आपको मानसिक तौर पर वहां पर तैयार रहना है। वो सब चीजों के लिए क्योंकि यह सफर बहुत ही ज्यादा अनिश्चित रहता है। 

यह सफर सबके लिए अलग-अलग रहता है जो मेरे साथ हुआ है हो सकता है वह आपके साथ ना हो, उस तरह की परिस्थितिया आपके साथ ना बने लेकिन जो आप सोच के चलते हो वैसा नहीं होता, वह हमेशा ही अनएक्सपेक्टेड रहता है। 

जो मैं सोचकर चला था वह उससे अनएक्सपेक्टेड था, जो मैं सोचता था कि ऐसा हो जाएगा तो फिर ऐसा कर लेंगे ऐसा हो जाएगा तो वैसा कर लेंगे। वैसा नहीं होता। चीज़े बहुत ही ज्यादा अप-डाउन रहती है। 

बहुत ही ज्यादा अनस्टेबल रहती है अनएक्सपेक्टेड रहती है तो आपको बहुत सारी टफ से टफ सिचुएशन के लिए यहां पर रेडी रहना है तो अपने आप को आपको मेंटली प्रिपेयर करना है। 

निष्कर्ष

तो यह पांच पॉइंट है जिनके बारे में मैंने यहां पर डिस्कस किया और भी बहुत सारे पॉइंट्स होते हैं कि यह सफर हर के लिए अलग-अलग होता है तो पॉइंट भी सबके लिए अलग अलग रहते हैं और फिर भी इन पॉइंट्स से आपको बहुत मदद मिल सकती है। 

अगर आप अपने इंटरप्रेन्योर सफर को बिल्कुल ही तैयारी के साथ शुरू करते हो अपने मिनिमम एक्स्पेंसेस रखते हो, आपने लोन को बिल्कुल ही मिनिमम रखते हो या नहीं रखते हो। आपके पास एक अच्छी सरवाईवल स्ट्रेटजी होती है। 

आपके पास इनकम का कोई ना कोई सोर्स होता है और आप अपने आपको मेंटली prepare रख सकते हो। 

आप कमेंट में लिख कर जरूर बताइएगा कि कौन सा ऐसा पॉइंट है जो किसी भी इंटरप्रेन्योर के लिए अगर वह स्टार्ट उप कर रहा है तो बहुत जरूरी है। 

उम्मीद करता हूं यह इनफार्मेशन आपको अच्छी लगी होगी। 

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