बिज़नेस सही मायने में कब शुरू माना जाता है ?
बिज़नेस का एक नियम यह है कि अगर बिज़नेस चक्र (business transaction) अगर पूरी नहीं होती है तो उस चक्र से जुड़े सभी बिज़नेस या व्यक्तियों को हानि ही होती है।
इसी लिए बिज़नेस में यह सुनिश्चित कर लेना जरूरी है कि आपका बिज़नेस चक्र पूरा हो , नहीं तो उससे जुड़े हर बिज़नेस या व्यक्ति को लाभ की बजाय नुकसान ही होगा। हो सकता है कि चक्र का शुरूआती बिज़नेस या व्यक्ति नुकसान से बच जाये पर उसके भविष्य के बिज़नेस पर इसका सीधा असर होगा।
इसीलिए मै एक बिज़नेस प्रणाली (system) बनाने पर जोर देता हूँ। बिज़नेस सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि बिज़नेस चक्र पूरा घूमे और इससे जुड़े हर बिज़नेस या व्यक्ति को लाभ मिले।
बिज़नेस चक्र क्या होता है ?
मान लो आपको एक प्रोडक्ट बेचना है। प्रोडक्ट का नाम ABC है। आप उसके मैन्युफैक्चरर हो। अपने रॉ मटेरियल खरीदा और उसको बना दिया। अपने अपने डिस्ट्रीब्यूटर को दिया और डिस्ट्रीब्यूटर ने रिटेलर को दिया।
जब तक रिटेलर उस प्रोडक्ट को उपभोक्ता को वह प्रोडक्ट नहीं बेच देता। उसके पास उपभोक्ता से उसको भुगतान नहीं मिल जाता और वह डिस्ट्रीब्यूटर को नहीं दे देता, डिस्ट्रीब्यूटर मैन्युफैक्चरर को और मैन्युफैक्चरर रॉ मटेरियल सप्लायर को। इस तरह एक चक्र घूमता है।
रॉ मटेरियल सप्लाई से लेकर पेमेंट कलेक्शन तक के इस चक्र को बिज़नेस चक्र कहते है। इस पुरे नेटवर्क में अलग अलग स्थिति वाले बिज़नेस के लिए यह चक्र अलग अलग हो सकता है। पर इसका पूरा होना जरूरी है।
यह काम कैसे करता है ?
अब अगर अपने प्रोडक्ट बनाया। डिस्ट्रीब्यूटर या आपकी सेल्स टीम उसको बेच नहीं पायी तो आपका चक्र रुक जायेगा। हो सकता है आप रॉ मटेरियल सप्लायर को पहले पेमेंट कर चुके हो पर भविष्य में आप उससे वह रॉ मटेरियल नहीं खरीदेंगे। अब प्रोडक्ट नहीं बिका तो आपको मटेरियल वापिस उठाना पड़े तो आपको नुकसान।
डिस्ट्रीब्यूटर ने इतने दिन स्टॉक रखा , अगर पेमेंट कर दी होगी तो आप वापिस भी करोगे तो पेमेंट इतने दिन फंसी रही उसका नुकसान। अगर न भी फंसी रही तो भी बहुत ऐसे खर्चे होते है जैसे ट्रांसपोर्टेशन, किराया इत्यादि। तो नुकसान उसको भी होता है। कम या ज्यादा वो अलग बात है। नुकसान तो नुकसान होता है।
अगर रिटेलर तक प्रोडक्ट पहुंच जाये और वहां वह बिक न पाए तो भी इसी तरह चक्र घूमता है।
सफल बिज़नेस के लिए लाभ होना जरूरी है। और लाभ के लिए एक बिज़नेस प्रणाली का होना जरूरी है।
तो केवल बिज़नेस स्टार्ट-उप करने से बिज़नेस शुरू नहीं होता। बिज़नेस असल मायने में तब शुरू माना जाता है जब आपका बिज़नेस चक्र घूमना शुरू हो जाये।
बिज़नेस चक्र घूमना का मतलब यह नहीं होता कि बिज़नेस स्थापित हो गया। बिज़नेस स्थापित करने के लिए तो आपको एक लम्बा सफर तय करना बाकि है पर यह तो सुनिश्चित हो जाता है कि आप सही रास्ते पर हो।
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